आजमगढ़ जिला जेल अधीक्षक आदित्य कुमार निलंबित, जांच में हुआ ये खुलासा

वित्तीय अनियमितता से जुड़ा हुआ है मामला
आजमगढ़ जिले में मामला दर्ज
आजमगढ़ जिले में मामला दर्ज
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लखनऊ/आजमगढ़ : आजमगढ़ में जेल अधिकारी के जाली हस्ताक्षर करके सरकारी कोष को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद आजमगढ़ जिला जेल के अधीक्षक आदित्य कुमार को लापरवाही बरतने के इल्जाम में निलंबित कर दिया गया है।

कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग ने सोमवार रात एक बयान में कहा कि आजमगढ़ जिला जेल के अधीक्षक आदित्य कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वित्तीय अनियमितताओं और अपने आधिकारिक कर्तव्यों का उचित निर्वहन न करने के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।

अपर कारागार महानिरीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने एक बयान में कहा कि जनवरी 2024 से 10 अक्टूबर 2025 के बीच विभिन्न चेकों के माध्यम से आजमगढ़ जिला जेल के बैंक खाते से अवैध रूप से धनराशि निकाली गई।

इस गंभीर अनियमितता को देखते हुए जेल अधीक्षक आदित्य कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उन्हें विभाग के लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।

अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि वर्तमान में आजमगढ़ जेल से जमानत पर रिहा किए गए दहेज हत्या के दोषी एक व्यक्ति रामजीत यादव और तीन अन्य के खिलाफ जेल अधीक्षक के जाली हस्ताक्षर करके लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में आजमगढ़ जिले में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि यादव और तीन अन्य लोगों पूर्व कैदी शिवशंकर उर्फ ​​गोरख, वरिष्ठ सहायक मुशीर अहमद और प्रहरी अवधेश कुमार पांडेय के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि यादव को सजा काटने के दौरान जेल में व्यवस्थापन कार्य से जोड़ा गया था। इसी बीच उसने कथित तौर पर चेक पर हस्ताक्षर सहित आधिकारिक दस्तावेजों से संबंधित प्रक्रिया सीख ली।

उन्होंने बताया कि पिछले साल 20 मई को जमानत पर रिहा होने के बाद यादव ने कथित तौर पर जेल लेखाकार के कार्यालय से एक चेक बुक चोरी कर ली। जांच में पता चला कि मई 2024 से सितंबर 2025 के बीच उसने जेल अधीक्षक के कई बार जाली हस्ताक्षर करके जेल के सरकारी खाते से बड़ी रकम निकाली।

यह धोखाधड़ी 22 सितंबर को तब सामने आई जब 2.6 लाख रुपये की संदिग्ध निकासी के बाद बैंक विवरण की गहराई से जांच की गई। जांच में पता चला कि आरोपी ने अपनी एक महिला रिश्तेदार के खाते में 2.4 लाख रुपये, अपनी मां सुदामी देवी के खाते में 3 लाख रुपये और अन्य अज्ञात खातों में अतिरिक्त धनराशि अंतरित की थी।

बिलरियागंज (आजमगढ़) निवासी यादव का आपराधिक इतिहास रहा है। उसे पहली बार साल 2011 में दहेज हत्या के एक मामले में अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में जेल भेजा गया था। इस बीच, अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) मधुवन कुमार सिंह ने बताया कि चारों आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

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