

मेरठ : मेरठ में लकवाग्रस्त मरीज को कम पैसों में अच्छे इलाज का झांसा देकर सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए एंबुलेंस चालक और अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि रोगी के परिजन की ओर से शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच की, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद पुलिस ने निजी अस्पताल और एंबुलेंस चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अशोक कटारिया ने गुरुवार को बताया कि गाजियाबाद के निवासी हरद्वारी लाल के बेटे मुकेश कुमार को 15 नवंबर को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। 16 नवंबर को तुषार नामक एंबुलेंस चालक ने परिजन को 20 से 25 हजार रुपये में बेहतर उपचार का झांसा देकर रोगी को मंगल पांडे नगर में स्थित अल्फा अस्पताल में भर्ती करा दिया।
परिजन ने 90 हजार रुपये से अधिक पैसे खर्च होने और उपचार में संतोषजनक सुधार न होने पर शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके बाद उप सीएमओ को जांच सौंपी गई। जांच टीम को मुकेश अल्फा अस्पताल में भर्ती मिला और रजिस्टर में एंबुलेंस चालक तुषार का नाम व मोबाइल नंबर दर्ज था।
सीएमओ ने कहा कि जांच टीम के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन मरीज को मेरठ मेडिकल कॉलेज से हटाकर अपने यहां भर्ती कराने को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दे सका। इसके बाद अस्पताल से बकाया बिल माफ कराया गया और मरीज को दोबारा मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी, जिसके आधार पर मेडिकल थाना पुलिस ने अल्फा अस्पताल और एंबुलेंस चालक तुषार के खिलाफ मामला दर्ज करके कानूनी कार्रवाई शुरू की।