
लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भाजपा सत्ता हासिल करने के लिए संविधान का इस्तेमाल करती है, लेकिन जैसे ही वह सत्ता प्राप्त कर लेती है, संविधान का सम्मान करना भूल जाती है। यादव ने कहा,भाजपा सत्ता में आने के लिए संविधान का इस्तेमाल करती है। वह सत्ता में आने तक संविधान की चर्चा करती है और इसका अनुपालन करने की बात करती है। लेकिन जैसे ही वह सत्ता प्राप्त कर लेती है, संविधान का सम्मान नहीं करती।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को बनाए रखने की कसम खाते हैं, लेकिन अपने कार्यों में कहीं भी संविधान के प्रति निष्ठा नहीं दिखाते। सपा प्रमुख ने कहा कि उन्हें भाजपा के बयानों में विरोधाभास दिखाई देता है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, जो लोग समाजवाद के खिलाफ हैं, वे धर्मनिरपेक्ष लोगों के भी खिलाफ हैं। यह समाज में एक मौलिक लड़ाई है। यह मैं बनाम हम की लड़ाई है। समाज के उत्थान के लिए व्यक्ति को अपने व्यक्तिव का विलय करना पड़ता है जोकि आत्मकेंद्रित लोग कभी नहीं करते। उन्होंने भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे स्वार्थी लोग हर विचार और समाज एवं समाजवाद से जुड़े शब्द के खिलाफ हैं।
यादव ने कहा, यह नकारात्मक लोग अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए समाज को कमजोर करते हैं क्योंकि इनका दबदबा तभी दिखाई देगा जब समाज कमजोर रहे। इसलिए ये हर उस चीज के खिलाफ हैं जो समाज को मजबूत करती हो।
यादव ने बिना किसी का नाम लिए कहा, ऐसे लोग बुनियादी रूप से सांप्रदायिक होते हैं। यही वजह है कि वे धर्मनिरपेक्षता के कट्टर विरोधी हैं क्योंकि धर्मनिरपेक्षवाद हमें लोगों को करीब लाने की, सौहार्द स्थापित करने और जियो एवं जीने दो का पाठ पढ़ाता है।