अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का भारत दौरा, सपा MP बर्क ने कहा- ‘दोहरे मापदंड’ क्यों

भारत ने अभी तक तालिबान को मान्यता नहीं दी
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी-
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संभल : अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के आगरा और सहारनपुर जिले के देवबंद दौरे से पहले, संभल से लोकसभा सदस्य जिया उर रहमान ने मुत्तकी की यात्रा पर सवाल उठाए हैं और आश्चर्य जताया है कि तालिबान को लेकर ‘दोहरे मापदंड’ क्यों हैं।

गुरुवार को छह दिवसीय यात्रा पर नयी दिल्ली पहुंचे मुत्तकी 4 साल पहले तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर नियंत्रण हासिल करने के बाद भारत आने वाले पहले वरिष्ठ तालिबान मंत्री हैं। भारत ने अभी तक तालिबान को मान्यता नहीं दी है।

‘FACBOOK’ पर लिखे एक पोस्ट में जिया उर रहमान ने कहा, जब भारत सरकार खुद तालिबान के मंत्री मुत्तकी को भारत आमंत्रित करती है और उनका स्वागत करती है, तो कोई सवाल नहीं उठाता। लेकिन जब संभल के सांसद डॉ. शफ़ीकुर्रहमान बर्क ने तालिबान के बारे में बयान दिया, तो (मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बर्क को शर्म आनी चाहिए, और यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

उन्होंने पोस्ट में कहा, अब वही तालिबानी मंत्री आगरा में ताजमहल देखेंगे और देवबंद जाएंगे और योगी सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी। ये दोहरे मापदंड क्यों ? अब शर्म किसे आनी चाहिए और किसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होगी ?

अगस्त 2021 में, संभल से तत्कालीन लोकसभा सांसद शफीकुर रहमान बर्क पर उनके बयानों के बाद राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का बचाव किया था और इसे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बराबर बताया था।

BJP नेता राजेश सिंघल की शिकायत के बाद उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह) के तहत आरोप लगाया गया था।

तत्कालीन सांसद पर धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और धारा 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, जिसका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना है) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।

बर्क के अलावा, दो अन्य - मोहम्मद मुकीम और चौधरी फैजान पर भी इन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

उस समय पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए, बर्क ने कहा था कि तालिबान अपने देश को आजाद कराना चाहता है और यह अफगानिस्तान का आंतरिक मामला है।

बर्क की टिप्पणियों की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीखी आलोचना की थी। राज्य विधान परिषद में, मुख्यमंत्री ने तब कहा था, बर्क बेशर्मी से तालिबान का समर्थन कर रहे थे। इसका मतलब है उनके बर्बर कृत्य का समर्थन करना। हम एक संसदीय लोकतंत्र हैं। हम कहां जा रहे हैं ? हम ऐसे लोगों का समर्थन कर रहे हैं जो मानवता पर कलंक हैं।

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