निजी अस्पताल में इलाज ना मिलने से बच्‍ची की मौत, जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए

रुपये न देने पर निजी अस्पताल में भर्ती बच्ची की मौत का आरोप
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हापुड़ : उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में कथित तौर पर 20 हजार रुपये नहीं देने के कारण एक निजी अस्पताल द्वारा समय पर उपचार करने से मना करने की वजह से 5 वर्षीय एक बच्ची की मौत हो गई। जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मृत बच्ची अमरीन (5) पिलखुवा में राष्ट्रीय राजमार्ग-9 पर स्थित सरस्वती अस्पताल में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर अनवर और मौसमी की बेटी थी। उसकी 20 जून को मौत हो गई।

लड़की के माता-पिता का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर ने इलाज के लिए 20 हजार रुपये मांगे और जब वे भुगतान नहीं कर सके तो उन्हें बच्ची को सरकारी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। उनका दावा है कि स्थानांतरण में विलम्ब के कारण अमरीन की मौत हो गई। इस बीच, हापुड़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉक्टर सुनील त्यागी ने मामले का संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी कर जांच के आदेश दिए हैं।

डॉक्टर त्यागी ने कहा, मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष और भाजपा नेता मोहम्मद दानिश ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा को पत्र लिखकर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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