लखनऊ – आजकल यूपी में कुछ अलग ही माहौल बना हुआ है। जहां एक तरफ साम्प्रदायिक हिंसा देखने को मिल रही है। वहीं दूसरे तरफ उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के डेहरी गांव में कुछ मुस्लिम परिवारों ने अपने नाम के साथ दुबे, तिवारी, ठाकुर जैसे उपनाम जोड़ने शुरू कर दिए हैं। इस वजह से यह गांव चर्चा में आ गया है। इन परिवारों और उनके रिश्तेदारों को विदेश से धमकियां भी मिल रहीं हैं। गांव के 25 मुस्लिम परिवारों का कहना है कि उनके पूर्वज ब्राह्मण और क्षत्रिय थे, और सात-आठ पीढ़ी पहले उन्होंने अपना धर्म बदल लिया था। अब वे अपनी असली पहचान से जुड़ने के लिए यह कदम उठा रहे हैं।
क्या CAA है वजह ?
केराकत तहसील के डेहरी गांव के निवासी नौशाद अहमद ने अपना नाम अब नौशाद अहमद दुबे रख लिया है। हालांकि, उनके दोस्त उन्हें सालों से पंडित जी बुलाते रहें हैं। कुछ महीने पहले जब उन्होंने अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी जुटाई, तो यह पता चला की उनके पूर्वज ब्राह्मण थे। शेख अब्दुल्ला ने भी अपने नाम के साथ दुबे जोड़ लिया है। कुछ महीने पहले असम में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) लागू होने के बाद उन्होंने अपने परिवार के इतिहास की खोज शुरू की। यह भी माना जा रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के डर के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है।