

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बिहार के मुजफ्फरपुर में 9 वर्षीय दलित बच्ची से रेप और मौत का मामला गरमाता जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को इस मामले में भाजपा और बिहार के हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडे को घेरा। तृणमूल ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी की रैली में व्यस्त भाजपा नेताओं और अधिकारी के कारण मुजफ्फरपुर बलात्कार पीड़िता की मौत हुई। उसे समय पर इलाज नहीं मिला। तृणमूल ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और बंगाल भाजपा प्रभारी मंगल पांडे पर आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया। तृणमूल का कहना है कि उन्हें इस बात की चिंता क्यों नहीं है कि बिहार में स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा कैसे ध्वस्त हो गया है? कैसे पीड़िता को महत्वपूर्ण चिकित्सा सुविधा से वंचित रखा गया, जबकि संसाधनों और कर्मियों को क्षेत्र में पीएम मोदी के राजनीतिक कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए डायवर्ट किया गया था। बंगाल की स्वास्थ्य राज्य मंत्री तथा तृणमूल महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से जवाबदेही की मांग करते हुए कहा कि बिहार में एक मासूम दलित लड़की ॐे बलात्कार किया गया और चिकित्सा लापरवाही के कारण उसकी जान चली गई। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, जो बंगाल में पार्टी के प्रभारी भी हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए। उन्हें इस बात की चिंता क्यों नहीं है कि बिहार का स्वास्थ्य ढांचा कैसे चरमरा गया है? उसे सही समय पर अस्पताल क्यों नहीं लाया गया? इलाज के अभाव में उसे अपनी जान क्यों गंवानी पड़ी? विडंबना यह है कि भाजपा के नेता महिला सुरक्षा की बात करते हैं। यहां तक कि पीएम मोदी भी महिला सुरक्षा के बारे में बोलते हैं। अगर उन्हें वास्तव में महिलाओं और लड़कियों की चिंता होती तो ऐसी घटनाएं नहीं होतीं।” मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि 30 मई को एक दुखद मौत हुई लेकिन उससे पहले क्या हुआ? 26 मई को एक दलित नाबालिग से बलात्कार किया गया लेकिन उसे उचित चिकित्सा उपचार भी नहीं मिला। उसके परिवार वाले प्रयास करके उसे श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज ले गए, लेकिन उसे ऐसे ही छोड़ दिया गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पुलिस और प्रशासन पीएम मोदी के बिहार दौरे में व्यस्त थे। घटना मुजफ्फरपुर की है। मोदी जी वहां रोड शो के लिए आ रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय सांसद राज भूषण चौधरी कार्यक्रम में इतने व्यस्त थे कि उन्हें नाबालिग दलित पीड़िता की कोई परवाह नहीं थी। नाबालिग के परिवार ने उसे पटना मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए 25,000 रुपये भी दिए थे। लेकिन, उसे कई बार नींद की दवा दी गई जिसके बाद 30 मई को उसकी मौत हो गई। पुलिस, प्रशासन और भाजपा सांसद पीएम मोदी के कार्यक्रम में व्यस्त थे।