

नई दिल्लीः रेल मंत्रालय ने रविवार को घोषणा की कि 215 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए साधारण श्रेणी के टिकट में प्रति किलोमीटर एक पैसा और मेल/एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की गैर-वातानुकूलित श्रेणी व सभी ट्रेन की वातानुकूलित श्रेणियों में प्रति किलोमीटर दो पैसे की वृद्धि की जाएगी। नयी दरें 26 दिसंबर 2025 से प्रभावी होंगी।
अधिकारियों ने कहा, “उपनगरीय रेलगाड़ियों के मासिक सीजन टिकट और अन्य ट्रेन में 215 किलोमीटर तक की साधारण श्रेणी की यात्रा के किराए में कोई वृद्धि नहीं की गई है।” उन्होंने कहा कि किराए में इस बढ़ोतरी से रेलवे को 31 मार्च 2026 तक करीब 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। रेल मंत्रालय के अनुसार, जुलाई 2025 में की गई किराया वृद्धि से अब तक लगभग 700 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है।
साल में दूसरी बार बढ़ा रेल किराया
गौरतलब है कि यह साल में दूसरी क्रिया वृद्धि है। इससे पहले इसी साल 1 जुलाई को सरकार ने रेल किराए में बढ़ोतरी की थी। तब नॉन-एसी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए में 1 पैसा प्रति किलोमीटर और एसी क्लास के किराए में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की थी। लेकिन उससे पहले चार साल पहले 2020 में यात्री किराया बढ़ाया गया था।
क्यों जरूरत पड़ी किराया वृद्धि की
रेलवे बड़े पैमाने पर अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे है। इसके साथ रेलवे स्टेशनों का भी कायापलट की जा रही है। इससे रेलवे का खर्च बेहिसाब बढ़ रहा है। रेलवे मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, यह किराया बढ़ोतरी ऑपरेशनल कॉस्ट (परिचालन लागत) में हो रही वृद्धि और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को फंड करने के लिए जरूरी है। रेलवे लगातार अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने, नई ट्रेनें चलाने और स्टेशनों के आधुनिकीकरण पर काम कर रहा है।