फिटनेस पर है महिला हॉकी टीम का फोकस : कप्तान सलीमा टेटे
नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेटरों के योयो टेस्ट स्कोर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं लेकिन पिछले कुछ अर्से से महिला हॉकी टीम फिटनेस पर लगातार काफी मेहनत कर रही है। योयो टेस्ट के कारण भारतीय खिलाड़ियों के फिटनेस स्तर में काफी सुधार हुआ है। भारतीय हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे का कहना है कि उनकी टीम का योयो टेस्ट का स्कोर 19.4 तक जा रहा है। सलीमा ने यहां एक कार्यक्रम से इतर बातचीत में कहा कि कोच हरेंद्र सिंह के आने के बाद से सबसे ज्यादा काम महिला टीम की फिटनेस पर हुआ है और इसका नतीजा देखने को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि हरेंद्र सर ने फिटनेस पर सबसे ज्यादा काम किया है। फिटनेस होने पर किसी भी टीम को हम हरा सकते हैं। जिन खिलाड़ियों के पास गति नहीं थी, अब उनके खेल में काफी बदलाव आया है। सुनेलिटा टोप्पो , नवनीत कौर, शर्मिला जैसी कई खिलाड़ी हैं जिनके पास गजब की रफ्तार है। महिला हॉकी खिलाड़ियों योयो टेस्ट से गुजरने के सवाल पर सलीमा ने कहा कि महिला खिलाड़ियों को भी ब्रेक के बाद टीम में शामिल होने के लिए योयो टेस्ट देना होता है। उन्होंने कहा किअब तो योयो स्कोर 19.4 तक जाने लगा है। भारतीय टीम 14 से 29 जून तक एफआईएच प्रो लीग के यूरोप चरण में लंदन, एंटवर्प, बर्लिन में आस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, बेल्जियम और चीन के खिलाफ दो दो मैच खेलेगी।
जानें क्या है योयो टेस्ट : ‘योयो इंटरमिटेंट रिकवरी टेस्ट’ खिलाड़ियों की फिटनेस और गतिशीलता का आकलन करने के लिये दुनिया भर में किया जाता है। यह एक तरह का बीप टेस्ट होता है जिसमें खिलाड़ी को 20 मीटर की दूरी पर रखे गए दो कोणों के बीच दौड़ना होता है । पुरूष खिलाड़ियों में 20 से अधिक और महिलाओं में 16 से अधिक का स्कोर अच्छा माना जाता है। भारतीय कप्तान ने कहा कि कभी-कभी लगता है कि सर क्यो इतना भगाते हैं लेकिन अब समझ में आता है कि इससे क्या फायदा मिलता है। फिटनेस ड्रिल के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि हमारे तीन तीन मिनट के स्मॉल गेम होते हैं जिसमें बहुत भागना होता है। यह काफी मुश्किल होता है जिसमें फिटनेस की अच्छी ड्रिल हो जाती है।

