

कोलकाता : महानगर में बीएसएनएल की फर्जी कर्मचारी बनकर 35 लाख रुपये का लोन हड़पने के मामले में सात महिलाओं के एक गिरोह में से एक महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित की पहचान महुआ राय के रूप में हुई है। वह दक्षिण 24 परगना के सोनारपुर की रहने वाली है। उसे सोमवार को सोनारपुर के खिरीशतला इलाके से लालबाजार के डिटेक्टिव विभाग ने गिरफ्तार किया।
क्या है पूरा मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामला वर्ष 2017 का है, जब सात महिलाओं का एक समूह दक्षिण कोलकाता के टालीगंज थाना क्षेत्र स्थित रसबिहारी एवेन्यू में एक निजी लोन कंपनी के ऑफिस पहुंचा था। खुद को बीएसएनएल की कर्मचारी बताकर इन महिलाओं ने कुल 34.99 लाख रुपये का लोन लिया था। आरोप है कि इन्होंने लोन प्राप्त करने के लिए बीएसएनएल की फर्जी पहचान और दस्तावेज प्रस्तुत किये थे। लोन की राशि मिलने के बाद न तो इन महिलाओं ने कोई किस्त चुकाई और न ही दोबारा कंपनी से संपर्क किया। लंबे समय तक बकाया नहीं चुकाए जाने पर संबंधित कंपनी ने टालीगंज थाने में शिकायत दर्ज करायी। मामले की जांच की जिम्मेदारी लालबाजार की डिटेक्टिव टीम को सौंपी गयी, जिसने जांच के दौरान तकनीकी सुरागों के आधार पर महुआ रॉय को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया है कि इस धोखाधड़ी के पीछे एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जो महिलाओं को मोहरा बनाकर उनके बैंक खाते किराये पर लेकर इस प्रकार की ठगी को अंजाम देता है। पुलिस का मानना है कि गिरोह ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर लोन स्वीकृत करवाया और फिर रकम निकालकर फरार हो गया। फिलहाल पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है। गिरफ्तार महिला से पूछताछ जारी है, जिससे गिरोह के नेटवर्क और इसके पीछे मौजूद मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।