सत्र के दौरान SIR के छाये रहने के आसार
बिहार चुनाव के नतीजे तय करेंगे सत्र की दिशा
नयी दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। तीन सप्ताह के इस सत्र में कुल 15 बैठकें होंगी। सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है क्योंकि यह सत्र निर्वाचन आयोग द्वारा 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को अंजाम दिये जाने के बीच हो रहा है। कई विपक्षी दलों ने SIR को लेकर आपत्तियां जतायी हैं। संसद के मानसून सत्र में भी बिहार में SIR को लेकर कई विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण संसद में प्रतिदिन व्यवधान उत्पन्न हुआ।
रीजीजू ने की सत्र की तिथियों की घोषणा
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को संसद के शीतकालीन सत्र की तिथियों की घोषणा की। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने संसद का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर, 2025 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) आयोजित करने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सत्र रचनात्मक और सार्थक रहेगा। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार शीतकालीन सत्र की दिशा 14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से तय होगी, जहां सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का विपक्षी महागठबंधन के साथ कड़ा मुकाबला है।
संक्षिप्त सत्र पर विपक्ष ने जताया ऐतराज
कई विपक्षी दल भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ समाप्त करने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार किये गये दावों पर भी सरकार से जवाब मांग सकते हैं। सत्र की तारीखों की घोषणा के तुरंत बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे बहुत देर से बुलाया गया और संक्षिप्त सत्र बताया। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आरोप लगाया कि सरकार को ‘पार्लियामेंट-ओफोबिया’ है और इसे संसद का सामना करने का डर बताया।
CEC के खिलाफ महाभियोग ला सकता है विपक्ष
शीतकालीन सत्र में विपक्षी गठबंधन ‘I.N.D.I.A’ मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग ला सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर गत 18 अगस्त को ‘I.N.D.I.A’ ब्लॉक की बैठक हुई थी। बैठक के बाद कांग्रेस, TMC, सपा, DMK, राजद सहित 8 विपक्षी दलों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। महाभियोग लाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। तब विपक्षी नेताओं ने कहा था कि CEC के रवैये को देखते हुए हम अगले सत्र (शीतकालीन सत्र) में नोटिस देंगे। दरअसल लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 7 अगस्त को निर्वाचन आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाये थे।