

मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले ने गुरुवार को कहा कि वे पहलगाम हमले को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग वाले विपक्ष के पत्र पर हस्ताक्षर नहीं कर सकीं क्योंकि वे विदेश यात्रा पर गये बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थीं।
सुले ने चार देशों की यात्रा से लौटने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी का रुख यह है कि इस पर बहस की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी जारी है। उन्होंने कहा कि जब संसद का मानसून सत्र शुरू होगा तो हम पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार से सवाल पूछेंगे। सरकार ने आतंकवाद को पाकिस्तान की ओर से निरंतर समर्थन और 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के रूप में भारत की प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी देने के लिए कई देशों में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे थे।
सुले ने कहा कि मैं संसद के विशेष सत्र की मांग वाले पत्र पर हस्ताक्षर नहीं कर सकी क्योंकि मैं देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए यात्रा पर थी। सुले ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेताओं से कहा था कि वे भारत लौटने के बाद ‘इंडिया’ की बैठकों में शामिल होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में 16 विपक्षी दलों ने मांग की है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाये। सरकार ने बुधवार को कहा कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक आयोजित किया जायेगा।