क्यों खुद को ‘कन्फ्यूज्ड’ कहते हैं धवल जैन?

'बाल दिवस' पर बच्चों के बीच ईमानदार स्वीकारोक्ति
 धवल जैन,आईएएस
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कोलकाता: पूर्व केएमसी आयुक्त तथा बीरभूम के नवनियुक्त जिलाधिकारी धवल जैन ने 'बाल दिवस' पर आयोजित एक कार्यक्रम में ऐसा बयान दिया, जिसने पूरे सभागार को हैरान कर दिया। मंच पर आते ही उन्होंने खुद को मजाक में 'सबसे ज्यादा कन्फ्यूज्ड डीएम' कहकर परिचित कराया। लेकिन इस हल्की-फुल्की शैली के पीछे छुपा था एक प्रेरणादायक संदेश, जिसे सुनकर स्कूल के छात्रों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।

2014 बैच के आईएएस अधिकारी धवल जैन, जिनके पास जादवपुर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेलीकॉम इंजीनियरिंग में डिग्री और आईआईएम अहमदाबाद से प्रबंधन की डिग्री हैं, ने खुलकर कहा कि वे हमेशा अपनी पढ़ाई और करियर को लेकर उलझन में रहते थे, पर उन्होंने सपने देखना कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने जीवन की चार कहानियाँ साझा कीं—सफलता, असफलता, परिवार और प्रशासनिक जीवन की।

धवल ने बताया कि उनके पिता बेहद सख्त थे और बहुत कम बात करते थे, लेकिन जब उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों स्वर्ण पदक मिला, तब पहली बार उनके पिता गर्व से रो पड़े। धवल जैन ने कहा कि पैसे को जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए। शाहरुख खान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “उन लोगों की सलाह मत मानो, जिन्होंने कभी पैसा कमाया ही नहीं। लेकिन अपनी मेहनत पर कभी संकट मत आने देना।”

अपने भाषण के अंत में उन्होंने बच्चों से आग्रह किया—“जो भी काम करो, अपने राज्य पश्चिम बंगाल के विकास में स्वेच्छा से योगदान जरूर देना।” इस अनुरोध ने बच्चों और शिक्षकों से उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दिलाया।

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