बांगड़ क्यों बोले कि रोहित-कोहली के वनडे टीम में जगह को लेकर कभी भी बहस नहीं होनी चाहिए?

दोनों बल्लेबाजों ने पिछले छह वनडे मैचों में तीन शतक (कोहली के दो) और पांच अर्धशतक (रोहित के तीन) लगाकर बतला दिया है कि उनका कोई सानी नहीं है।
बांगड़ क्यों बोले कि रोहित-कोहली के वनडे टीम में जगह को लेकर कभी भी बहस नहीं होनी चाहिए?
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विशाखापत्तनमः भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ का मानना ​​है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा का पिछले कुछ वर्षों में प्रदर्शन को देखते हुए उनके साथ अलग तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए और वनडे टीम में उनकी जगह को लेकर कभी भी बहस नहीं होनी चाहिए।

राष्ट्रीय चयन समिति के सदस्य और मुख्य कोच गौतम गंभीर इस सीनियर जोड़ी के 2027 विश्व कप तक फॉर्म और फिटनेस बरकरार रखने को लेकर भले ही संशय में हो सकते हैं, लेकिन दोनों बल्लेबाजों ने पिछले छह वनडे मैचों में तीन शतक (कोहली के दो) और पांच अर्धशतक (रोहित के तीन) लगाकर बतला दिया है कि उनका कोई सानी नहीं है।

अब नहीं उठाना चाहिए सवाल

बांगड़ ने जियोस्टार से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि टीम में विराट कोहली और रोहित शर्मा की जगह को लेकर सवाल उठाए जाने चाहिए। उनके इतने वर्षों में टीम को दिए गए योगदान पर गौर करना चाहिए।’’ कोहली और रोहित अब केवल वनडे प्रारूप में ही खेलते हैं। भारत पिछले कुछ समय से इस प्रारूप में बहुत कम मैच खेल रहा है और बांगड़ का मानना है कि उन्हें लय हासिल करने में कुछ समय लग सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘वे दो प्रारूपों से संन्यास ले चुके हैं, इसलिए जाहिर है कि उन्हें लय हासिल करने में कुछ समय लग सकता है लेकिन वे ऐसा कई बार कर चुके हैं। उन्हें किसी युवा खिलाड़ी जितने मैच खेलने की जरूरत नहीं है।’’

रोहित-कोहली की उपस्थिति से ड्रेसिंग रूम जीवंत

बांगड़ ने कहा, ‘‘एक बार वे जब अपनी लय हासिल कर लेते हैं और पूरी तरह फिट तथा रन बनाने के लिए भूखे हैं तो आप इस तरह के खिलाड़ियों को टीम में चाहते हैं। आपको उनके साथ अलग तरह से व्यवहार करना होगा और उन्हें अपना नैसर्गिक खेल खेलने की छूट देनी होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘‘जब वे लय में होते हैं तो आपको अंतर साफ नजर आता है। उनकी उपस्थिति मात्र से ड्रेसिंग रूम का माहौल बदल जाता है। टेस्ट सीरीज में हार के बाद उन्होंने निश्चित तौर पर युवा खिलाड़ियों से बात की होगी। उन्होंने खिलाड़ियों को पुरानी बातों को पीछे छोड़कर स्वच्छंद होकर खेलने के लिए प्रेरित किया होगा जिससे पूरी टीम का आत्मविश्वास बढ़ा।’’

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