

नई दिल्ली - मध्य प्रदेश के महू में भारत की चैंपियंस ट्रॉफी जीत के बाद दो पक्षों के बीच हिंसा भड़क गई। प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। एफआईआर दर्ज कराने वाले व्यक्ति का कहना है कि झड़प की शुरुआत अकबर का तकिया मोहल्ले के लोगों ने की। दूसरी ओर, तकिया मोहल्ले की मुस्लिम महिलाओं का आरोप है कि पहले हिंदुओं ने पत्थरबाजी शुरू की, जिसके बाद उन्होंने जवाब में पत्थर फेंके।
क्या कहना है FIR दर्ज कराने वाले का ?
FIR दर्ज कराने वाले गजराज कौशल ने सवाल उठाते हुए कहा कि किसने पहले से योजना बनाकर तय किया था कि जब हम जश्न मनाएंगे, तो वे हमें सबक सिखाएंगे? किसने धमकी दी थी कि अगर हमने जुलूस निकालने की कोशिश की, तो जान से मार दिया जाएगा? गजराज ने बताया कि हिंसा के दौरान तकिया मोहल्ले के लोगों ने क्विंटल भर पत्थर इस्तेमाल किए थे। इस घटना को लेकर उन्होंने 17 लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज कराई। गजराज कौशल सोलंकी ने रविवार रात की घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि हिंसा जामा मस्जिद से एक किलोमीटर दूर पत्ती बाजार और उससे 500 मीटर पीछे स्थित मोती महल इलाके में हुई थी।
गजराज ने बताया कि वे लोग मैच देखकर बाहर निकले थे, तभी सामने के तकिया मोहल्ले के लोगों ने चिल्लाकर धमकी दी कि अगर उन्होंने जश्न मनाया तो उन पर हमला किया जाएगा। उन्होंने हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई गाड़ियों के हालात दिखाए, जिसमें दो ट्रकों और दो जीप वैन के शीशे तोड़ दिए गए थे। करीब 10 गाड़ियों में आग लगा दी गई, जिन्हें बाद में नगर निगम ने हटाया। गजराज और अन्य लोगों ने आरोप लगाया कि हिंसा की रात मुसलमानों ने न केवल पत्थर फेंके, बल्कि मिर्च पाउडर का भी इस्तेमाल किया। मोती महल और अकबर का तकिया मोहल्ले की गलियों में क्विंटल भर छोटे पत्थर जमा मिले, जो हमले के लिए पहले से तैयार रखे गए थे।
क्या कहना है मुस्लिम महिलाओं का ?
अकबर का तकिया मोहल्ले की मुस्लिम महिलाओं ने अपनी ओर से सफाई देते हुए कहा कि जब उन पर पहले पत्थर फेंके गए, तो उन्होंने आत्मरक्षा में उन्हीं पत्थरों को वापस फेंककर अपनी जान बचाई। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदू उनके भाई हैं, यह देश भी उनका है, और वे सभी मिल-जुलकर भाईचारे के साथ रहते हैं। महिलाओं का दावा है कि हिंसा की शुरुआत दूसरी ओर से हुई, पहले उनकी गाड़ियों में आग लगाई गई और फिर पथराव किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों के नाम रिपोर्ट में दर्ज कराए गए हैं, वे घटना के समय वहां मौजूद ही नहीं थे।