अभिनेता से नेता बने विजय ने तमिलनाडु में कमल खिलाने के लिए किसे दोषी ठहराया?

विजय ने द्रमुक पर साधा निशाना, उनकी सभाओं में भीड़ देखकर घबरा गये नेता
अभिनेता से नेता बने विजय ने तमिलनाडु में कमल खिलाने के लिए किसे दोषी ठहराया?
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चेन्नईः तमिलगा वेट्री कझगम (टीवीके) के संस्थापक और अभिनेता विजय ने सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कझगम (द्रमुक) पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए दावा किया है कि उनकी पार्टी की सफल बैठकों से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी घबरा गए हैं और अब उनका असली चेहरा सामने आने लगा है।

अपनी नयी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विजय ने द्रमुक पर तमिलनाडु में 'कमल' (भाजपा का प्रतीक) को खिलने का अवसर देने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि द्रमुक ने "साझा न्यूनतम एजेंडे" के नाम पर लोगों को भ्रमित किया था।

विजय ने एक बयान में कहा, "हमें नीचे गिराने की असफल साजिश के बाद, हमने कांचीपुरम, पुडुचेरी और ईरोड में तीन सफल जनसभाएं कीं। जो लोग हमें खत्म करना चाहते थे, वे हमारे साथ खड़े लोगों के हुजूम को देखकर घबरा गए हैं।"

द्रमुक पर टीवीके को बदनाम करने का आरोप

उन्होंने द्रमुक के मुखपत्र 'मुरासोली' में छपे एक लेख पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उस संपादकीय के जरिए टीवीके को बदनाम करने और उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई है।

24 दिसंबर को जारी एक बयान में अभिनेता ने कहा, "वे अब बेनकाब होने लगे हैं। उनके दल के नेता और मुख्यमंत्री (एम के स्टालिन) यह भूलकर दूसरों पर पत्थर फेंक रहे हैं कि वे खुद शीशे के घर में खड़े हैं।"

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अपनी पार्टी को लेकर विजय का दावा

द्रमुक के पुराने गठबंधन पर प्रहार करते हुए विजय ने कहा, "द्रमुक ने कथित साझा न्यूनतम एजेंडे से जनता को भ्रमित किया और 1999 से 2003 तक (वाजपेयी सरकार के दौरान) सत्ता की गुलाम बनी रही। उन्होंने ही तमिलनाडु में कमल को खिलने का मौका दिया।" उन्होंने टीवीके कार्यकर्ताओं से द्रमुक की "बयानबाजी" को नजरअंदाज करने और जनता के साथ जुड़ने का आह्वान किया।

विजय ने कहा कि लोगों को यह अहसास कराना होगा कि टीवीके ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो उनके हितों के लिए संघर्ष करने के योग्य है।

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