

नई दिल्ली - तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने राज्य के बजट में रुपये के प्रतीक '₹' को हटाकर तमिल लिपि के 'ரூ' से बदल दिया है। यह फैसला भाषा विवाद के बीच लिया गया है, जहां स्टालिन केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि रुपये के मौजूदा '₹' प्रतीक को डिजाइन करने वाले व्यक्ति खुद तमिलनाडु के ही हैं और उनके पिता डीएमके के विधायक रह चुके हैं।
किसने किया था डिजाइन ?
रुपये के प्रतीक '₹' को प्रसिद्ध डिजाइनर और शिक्षाविद उदयकुमार धर्मलिंगम ने तैयार किया था। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1978 को तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में हुआ था। वर्तमान में वे आईआईटी गुवाहाटी में डिजाइन विभाग के प्रमुख हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके पिता, एन धर्मलिंगम, डीएमके के विधायक रह चुके हैं।
कैसे चुनी गई थी डिजाइन ?
इस प्रतीक को चुनने के लिए वित्त मंत्रालय ने एक ओपन प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें 3,331 डिजाइन प्राप्त हुई थीं। रुपये के नए प्रतीक के लिए चुनी गई प्रविष्टियों में से अंतिम चरण में पांच डिजाइनों को फाइनल किया गया था। 2010 में, जब उदयकुमार धर्मलिंगम आईआईटी गुवाहाटी में अपनी नई नौकरी शुरू करने वाले थे, तभी उनके डिजाइन को रुपये के आधिकारिक प्रतीक के रूप में चयनित किया गया। सरकार ने 15 जुलाई 2010 को सार्वजनिक रूप से '₹' सिंबल को प्रस्तुत किया। उदयकुमार के पिता और उस समय डीएमके के विधायक रहे एन धर्मलिंगम ने अपने बेटे की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की थी। उन्होंने इसे तमिलनाडु के लिए गर्व का क्षण बताया था।
उनकी डिजाइन चुने जाने पर क्या कहा थ उदयकुमार ने ?
उनकी डिजाइन के जीत के बाद खुद उदयकुमार धर्मलिंगम ने बताया था कि उनका डिजाइन देवनागरी के 'र' और रोमन अक्षर 'R' को मिलाकार बनाया गया है। उदयकुमार ने अपनने डिजाइन को तिरंगे से प्रेरित बताया था। उन्होंने कहा था कि इस डिजाइन की दो रेखा देश में सभी लोगों के बीच समानता को दर्शाती है।
भाजपा का भाषा विवाद को लेकर क्या कहना है ?
भाजपा ने रुपये के प्रतीक में बदलाव को लेकर स्टालिन सरकार पर तीखा हमला बोला है। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के.अन्नामलाई ने इसे राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान करार दिया। वहीं, भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने तंज कसते हुए कहा कि अगर स्टालिन वास्तव में तमिल पहचान को महत्व देते हैं, तो उन्हें अपना नाम भी तमिल में बदल लेना चाहिए।