जहां बहनों को भी मिलेगा स्नेह भरा तिलक...

'भाषा और चेतना पाठशाला’ की अनूठी पहल
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कोलकाता: दीपावली के बाद भाई दूज या भैयादूज सबसे स्नेहमय त्योहारों में से एक है। यह पर्व भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम, विश्वास और स्नेह का प्रतीक है परंतु इस रिश्ते की गहराई को अगर किसी ने सच्चे अर्थों में सजाया है, तो वह बहनें हैं।

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनके सुख, समृद्धि और लंबी आयु की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनके स्नेह का सम्मान करते हैं। पर इस रस्म से परे, यह पर्व समाज में एक गहरा संदेश भी देता है कि रिश्ते जन्म से नहीं, भावना से बनते हैं।

इसी रिश्ते की गांठ को बागमारी इलाके में इस बार कुछ खास अंदाज में मनाया जा रहा है। ‘भाषा और चेतना पाठशाला’ की पहल पर 23 अक्टूबर, गुरुवार की शाम चार बजे आयोजित होगा 'गण बोनफोटा, एक सामूहिक 'भाई और बहन दूज', जो समर्पित है समाज के वंचित और विशेष रूप से सक्षम बच्चों को।

इस अनोखे आयोजन का उद्देश्य है प्रेम, अपनापन और समानता के भाव को फैलाना। जब हर जगह बहनें अपने भाइयों को फोंटा लगाकर दीर्घायु की कामना करेंगी, तब यहां वे बच्चे भी 'भाई दूज' का आनंद लेंगे जिनके पास न कोई बहन है, न कोई भाई यानी भाई तिलक देगा बहन को और बहन तिलक देगी भाइयों को।

पिछले 17 वर्षों से इस अनूठी परंपरा का जश्न मनाते हुए संस्था का सन्देश है - हर किसी को चाहिए स्नेह, हर किसी को मिले कोई अपना। इस अवसर पर बच्चों के बीच फोंटा लगाने, गीत-संगीत, मिठाई वितरण और खेल-कूद के कार्यक्रम होंगे।

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