

मुंबई - प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की आने वाली फिल्म 'फुले' इन दिनों काफी चर्चा में है। यह फिल्म समाज सुधारक दंपती ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के संघर्षपूर्ण जीवन और सामाजिक बदलाव के प्रयासों पर आधारित है।
'फुले' फिल्म पर लगे आरोप
फिल्म में प्रतीक गांधी महात्मा फुले की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि पत्रलेखा सावित्रीबाई फुले के किरदार में नजर आएंगी। हालांकि, अब फिल्म को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है, जिसके चलते इसकी रिलीज डेट, रिलीज से महज दो दिन पहले ही टाल दी गई है। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि आखिर ये विवाद है क्या।
फिल्म कर दी गई स्थगित
ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष आनंद दवे ने फिल्म 'फुले' पर जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही, फिल्म के निर्देशक और निर्माता इस विवाद पर बातचीत करने के लिए पूर्व राज्य मंत्री छगन भुजबल से भी मिले। फिलहाल, यह फिल्म जो 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी, अब स्थगित कर दी गई है। जी स्टूडियो, डांसिंग शिवा फिल्म्स और किंग्समैन प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी फिल्म 'फुले' का बहुप्रतीक्षित ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ है और इसे सोशल मीडिया पर काफी सराहना मिल रही है।
हालांकि, ट्रेलर के सामने आते ही ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष आनंद दवे ने फिल्म पर आपत्ति जताई। उनका कहना है कि फिल्म जातिवाद को बढ़ावा देती है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इसमें ब्राह्मण समुदाय, खासकर अश्वेत ब्राह्मणों द्वारा किए गए सहयोग को भी दिखाया जाना चाहिए। दवे ने यह भी जोर दिया कि फिल्म को एकतरफा नहीं, बल्कि संतुलित और समावेशी दृष्टिकोण से पेश किया जाना चाहिए। मुंबई में महात्मा फुले के जीवन पर आधारित फिल्म 'फुले' के निर्देशक और निर्माता राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मंत्री छगन भुजबल से मिले।
फिल्म के निर्देशक का क्या कहना है ?
इस दौरान फिल्म के निर्देशक अनंत महादेवन ने कहा कि हर फिल्म में एक हद तक सिनेमाई स्वतंत्रता ली जाती है, और निर्देशक वही प्रस्तुत करता है जो कहानी की ज़रूरत होती है। इस मुलाकात में महादेवन के साथ फिल्म की निर्माता अनुया चौहान कुडेचा, रितेश कुडेचा और सह-निर्माता रोहन गोडाम्बे भी मौजूद थे।