

केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया के तहत गिनती का अंतिम चरण गुरुवार को पूरा हो गया। उपलब्ध आंकड़ों में अब बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। राज्य में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 16 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। गुरुवार को फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि समाप्त होने के साथ ही यह साफ हो गया कि इस बार बड़ी संख्या में लोग ड्राफ्ट से बाहर रहेंगे। SIR प्रक्रिया 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 4 नवंबर से चल रही है। सात राज्यों में इसकी डेडलाइन बढ़ा दी गई है, लेकिन पश्चिम बंगाल में तय समय पर ही प्रक्रिया पूरी होगी। अंतिम वोटर लिस्ट 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
58 लाख से अधिक नाम लिस्ट से बाहर
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, गिनती के बाद कुल 58,08,232 वोटर ड्राफ्ट लिस्ट से बाहर हो जाएंगे। पहले यह संख्या 50 लाख पार कर चुकी थी और गुरुवार को मृत, ट्रांसफर और लापता वोटरों की संख्या में हल्की वृद्धि दर्ज की गई। आयोग ने बताया कि मृत सूची में अब 24,18,699 नाम हैं, जबकि 12,01,462 वोटर लापता हैं। BLO द्वारा किसी वोटर के घर तीन या अधिक बार जाने के बाद भी नहीं मिलने पर उसे मिसिंग लिस्ट में डाल दिया जाता है।
पता बदलने और फर्जी वोटरों की बड़ी संख्या
राज्य में 19,93,087 वोटरों ने पता बदला है। उनके नाम दोहरी प्रविष्टि के कारण कई जगहों पर दर्ज थे, जिन्हें अब एक स्थान पर रखा जा रहा है। इसके अलावा 1,37,475 वोटरों को आयोग ने फर्जी करार दिया है, जबकि 57,509 नाम ‘अन्य’ श्रेणी में रखे गए हैं। ये सभी लोग ड्राफ्ट लिस्ट से बाहर रहेंगे।
वोटरों की तीन श्रेणियों में मैपिंग
कमीशन ने वोटरों को तीन लिस्टों में बांटा है—
1. ओन मैपिंग: जिनके नाम 2002 की SIR लिस्ट में मौजूद थे— 2,93,69,188 वोटर
2. प्रोजेनी मैपिंग: जिनके नाम 2002 में नहीं थे, पर उनके माता-पिता/रिश्तेदार सूची में थे— 3,84,55,939 वोटर
3. नॉन-मैपिंग: जिनका या उनके रिश्तेदारों के नाम 2002 लिस्ट में नहीं—30 लाख से ज्यादा वोटर
नॉन-मैपिंग श्रेणी के सभी लोगों को सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। यदि ओन या प्रोजेनी मैपिंग में किसी नाम पर शक हुआ, तो उन्हें भी समन भेजा जाएगा।