पश्चिम बंगाल धार्मिक अहंकार को खत्म करने के लिए तैयार : राज्यपाल

राज्यपाल डॉ. सी वी आनंद बोस रविवार को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता पाठ आयोजन में शामिल हुए
राज्यपाल डॉ. सी वी आनंद बोस रविवार को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता पाठ आयोजन में शामिल हुए
Published on

सबिता, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने रविवार को कहा कि राज्य ‘‘धार्मिक अहंकार को खत्म करने के लिए तैयार है।’’’ राज्यपाल का परोक्ष तौर पर इशारा एक दिन पहले मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने की घटना की ओर था। बोस ने कहा कि राज्य ‘‘परेशान करने वाली एक स्थिति’’ से गुजर रहा है और बदलाव के लिए तैयार है। हालाांकि, इस बारे में उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं कहा। राज्यपाल की यह टिप्पणी तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक मस्जिद की आधारशिला रखे जाने के एक दिन बाद आयी है। राज्यपाल ने यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता पाठ आयोजन स्थल पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य भ्रष्टाचार को भी खत्म करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य (पश्चिम बंगाल) एक दुखद स्थिति से गुजर रहा है... बंगाल बदलाव के लिए तैयार है। पश्चिम बंगाल धार्मिक अहंकार को ख़त्म करने के लिए तैयार है।’’

राज्यपाल ने  ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता पाठ आयोजन स्थल पर लोगों को संबोधित किया
राज्यपाल ने ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता पाठ आयोजन स्थल पर लोगों को संबोधित किया

राज्यपाल ने किया पाठ

राज्यपाल ने भगवद्गीता का पाठ करते हुए कहा, ‘‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे, जिसका अर्थ है भगवान कह रहे हैं कि ‘सत्पुरुषों की रक्षा करने के लिए, दुष्कर्म करने वाले दुष्टों के विनाश के लिए और धर्म की पुनः स्थापना करने के लिए मैं प्रत्येक युग में अवतरित होता हूं।’’ उन्होंने एक "नरेंद्र" (नरेंद्रनाथ दत्त - स्वामी विवेकानंद) का भी उल्लेख किया, जिन्होंने हिंदू धर्म और भारतीय आध्यात्मिकता को पश्चिम में पहुंचाया। 'पंच लाखो कोंठे गीता पाठ' (एक साथ पांच लाख गीता पाठ) कार्यक्रम का आयोजन सनातन संस्कृति संसद द्वारा किया गया था, जो विभिन्न मठों और हिंदू धार्मिक संस्थानों से आए भिक्षुओं और आध्यात्मिक नेताओं का एक समूह है।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in