

नई दिल्ली : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘दोपहिया वाहनों, कारों की बिक्री और मोबाइल बाजार में गिरावट’ को लेकर गुरुवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि देश को ऐसी राजनीति चाहिए जो ‘इवेंट’ की चमक से नहीं, आम ज़िंदगी की सच्चाई से जुड़ी हो जबकि उनकी पार्टी ने कहा की पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में दो जिम्मेदारियां मिलना भारतीय विदेश नीति के पतन की दुखद दास्तां है लेकिन वैश्विक समुदाय पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के प्रायोजन को लगातार वैध ठहराना कैसे जारी रख सकता है।
आंकड़े बता रहे असलियत
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया कि आंकड़े सच बोलते हैं। पिछले एक साल में दोपहिया वाहनों की बिक्री 17 प्रतिशत और कार की बिक्री 8.6 प्रतिशत घट गयी है। वहीं मोबाइल मार्केट सात प्रतिशत गिर गया है। उन्होंने दावा किया कि दूसरी तरफ खर्च और कर्ज दोनों लगातार बढ़ रहे हैं। मकान का किराया, घरेलू महंगाई, शिक्षा का खर्च, लगभग हर चीज़ महंगी होती जा रही है। ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, ये उस आर्थिक दबाव की हकीकत है जिसके नीचे हर आम भारतीय पिस रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें ऐसी अर्थव्यवस्था चाहिए जो हर भारतीय के लिए काम करे, न कि सिर्फ़ कुछ गिने-चुने पूंजीपतियों के लिए।
पाक को यूएनएससी में मिलीं अहम जिम्मेदारियां
इस बीच कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में दो जिम्मेदारियां मिलना भारतीय विदेश नीति के पतन की दुखद दास्तां है। गौरतलब है कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष और यूएनएससी आतंकवाद विरोधी समिति के उप प्रमुख की जिम्मेदारी मिली है। खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान 9 मई को आईएमएफ ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर दिये। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तुरंत बाद विश्व बैंक ने पाकिस्तान को 40 अरब डॉलर देने का फैसला किया। ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद 3 जून को एडीबी ने पाकिस्तान को 80 करोड़ डॉलर दिये। उन्होंने कहा कि अब 4 जून को पाकिस्तान को यूएनएससी तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष और यूएनएससी आतंकवाद विरोधी समिति के उप प्रमुख के रूप में चुना गया।