हम हँसना भूलते जा रहे हैं, जीवन में ठहाके भी ज़रूरी हैं

ममता बनर्जी ने साझा की अपनी उपलब्धि
CM Mamata Banerjee
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कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विधानसभा में एक अलग ही मूड में नजर आईं। जहां एक ओर सदन में बांग्ला भाषा को लेकर सत्तारूढ़ और विपक्ष के बीच तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप चला, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने बाद में एक कार्यक्रम में भावनात्मक और सृजनशील वक्तव्य देते हुए जीवन में हंसी और हल्के-फुल्के पलों की जरूरत पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने अपनी एक कविता भी सुनाई

इस दिन मुख्यमंत्री विधानसभा स्टाफ रिक्रिएशन क्लब के एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुईं, जहां उन्होंने कहा, हम रोज़ाना राजनीति करते हैं, बहस करते हैं, एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं। लेकिन क्या हम हँसना भूलते नहीं जा रहे? ज़िंदगी में हँसी-मज़ाक भी ज़रूरी है। कार्यक्रम में उन्होंने अपनी एक कविता भी सुनाई और हँसते हुए कहा, मेरा परफॉर्मेंस तो मैं कर ही गई। उन्होंने यह भी कहा कि उनके कई सहयोगी भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं। कंचन (विधायक कंचन मलिक) अच्छा अभिनय करता है, मदन (मदन मित्रा) भी अच्छा गाता है।

दुर्गा पूजा में 17 गीत रिलीज़ होने वाले हैं

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने अब तक लगभग 1500 कविताएं लिखी हैं और इस बार दुर्गा पूजा में उनके 17 गीत रिलीज़ होने वाले हैं। साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने बंगाली भाषा और अस्मिता को लेकर एक नया गीत लिखा है जिसका शीर्षक है — 'उठो बज्र कंठे'। इस गीत को सांस्कृतिक मंत्री इंद्रनील सेन ने सभा में गाकर सुनाया।

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