वक्फ: सिर्फ संपत्ति रिकॉर्ड जानने के लिए दिशा-निर्देश

राज्य सचिवालय नवान्न का स्पष्टीकरण
CM Mamata Banerjee during meeting at Nabanna
CM Mamata Banerjee during meeting at Nabanna
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कोलकाता: राज्य सरकार की नयी वक्फ गाइडलाइन को लेकर फैली गलतफहमियों पर नवान्न ने शनिवार को स्पष्ट बयान दिया। प्रशासन का कहना है कि वक्फ को लेकर राज्य की पुरानी नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है और इस मुद्दे पर अनावश्यक भ्रम फैलाया जा रहा है।

विदित हो कि संशोधित वक्फ कानून का तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार ने अतीत में कड़ा विरोध किया था। स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कई बार आश्वस्त कर चुकी हैं कि यह कानून पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होगा। लेकिन हाल ही में अल्पसंख्यक एवं मदरसा शिक्षा विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को वक्फ संपत्तियों का विवरण केंद्र के ‘उमिद’ पोर्टल में दर्ज करने का निर्देश दिया।

इसके बाद राजनीतिक हलकों में सवाल उठने लगे कि क्या राज्य सरकार ने केंद्र के संशोधित कानून को मान लिया है? शासक दल के अंदर भी इस पर असंतोष देखा गया। मंत्री और जमीअत-उल-उलेमा-ए-हिंद (बंगाल) के अध्यक्ष सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से अनुरोध करेंगे कि वह प्रधानमंत्री को समय-सीमा बढ़ाने के लिए पत्र लिखें।

मुर्शिदाबाद के टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने भी टिप्पणी की कि सरकार पहले इन प्रक्रियाओं को न मानने की बात करती थी, लेकिन अब इन्हें लागू कर रही है। इन आलोचनाओं के बीच नवान्न के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिशानिर्देश को लेकर गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

राज्य सरकार का उद्देश्य केवल यह सुनिश्चित करना है कि वक्फ संपत्तियों का सही ब्यौरा उपलब्ध हो और वे वक्फ बोर्ड के दायरे में सुरक्षित रहें। यह सिर्फ एक नियमित प्रक्रिया है, न कि नीति परिवर्तन। पश्चिम बंगाल में 8,063 वक्फ एस्टेट्स के अंतर्गत 82,600 वक्फ संपत्तियाँ दर्ज हैं। वक्फ बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून से जुड़ा मामला लंबित होने के बावजूद संपत्तियों के डेटा दर्ज करने पर कोई रोक नहीं है।

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