लेह : लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर जारी आंदोलन के हिंसक रूप लेने के बाद जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 15 दिन से जारी अपनी भूख हड़ताल बुधवार को वापस ले ली। प्रदर्शनकारियों ने लेह में भाजपा कार्यालय और कई वाहनों में आग लगा दी और सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आये। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में 4 लोगों की मौत हो गयी और 72 अन्य घायल हो गये। जिसके बाद प्रशासन ने लेह जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी।
10 सितंबर से 35 दिन के अनशन पर थे आंदोलनकारी
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के हिंसा पर उतारू होने, भाजपा कार्यालय तथा वाहनों पर हमले के बाद हालात को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पुलिस की गोलीबारी में 4 लोग मारे गये। उन्होंने बताया कि राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग के समर्थन में 10 सितंबर से 35 दिनों की भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की मंगलवार शाम हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद लद्दाख एपेक्स बॉडी (एलएबी) की युवा शाखा ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
6 अक्टूबर को होगा वार्ता का नया दौर
इस बीच वांगचुक ने अनशन वापस लेने की घोषणा करते हुए आंदोलन स्थल पर बड़ी संख्या में एकत्र अपने समर्थकों से कहा कि मैं लद्दाख के युवाओं से हिंसा तुरंत रोकने का अनुरोध करता हूं क्योंकि इससे हमारे उद्देश्य को नुकसान पहुंचता है तथा स्थिति और बिगड़ती है। हम लद्दाख और देश में अस्थिरता नहीं चाहते। जैसे ही झड़पें तेज हुईं, वांगचुक ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर एक वीडियो संदेश भी जारी किया, जिसमें उन्होंने युवाओं से शांति का माहौल बनाये रखने और हिंसा रोकने की अपील की। संविधान की छठी अनुसूची के विस्तार की मांग पर केंद्र और लद्दाख के प्रतिनिधियों, जिनमें एलएबी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के सदस्य शामिल हैं, के बीच 6 अक्टूबर को वार्ता का एक नया दौर निर्धारित है। दोनों संगठन पिछले चार वर्षों से अपनी मांगों के समर्थन में संयुक्त रूप से आंदोलन कर रहे हैं और अतीत में सरकार के साथ कई दौर की वार्ता भी कर चुके हैं।