Vice President Chunav: प्रधानमंत्री समेत इन नेताओं ने किया वोट, जानें उम्मीदवारों का पूरा इतिहास
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों और विभिन्न दलों के सांसदों ने देश के नए उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मंगलवार को मतदान किया। बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य इस चुनाव में हिस्सा लेते हैं।
उप राष्ट्रपति पद के लिए सी. पी. राधाकृष्णन, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार हैं, जिनका सीधा मुकाबला विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी से है। उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे समाप्त होगा।
सबसे पहले पीएम ने किया वोट
इसके नतीजे मंगलवार को ही देर शाम तक घोषित होने की उम्मीद है। मतदान संसद भवन के कमरा संख्या एफ-101, वसुधा में हो रहा है। मतदान शुरू होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मतदान किया।
वैसे देश के 17वें उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए, निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीटें रिक्त हैं), और 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट रिक्त है) शामिल हैं। जबकि निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं। वैसे इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं। राधाकृष्णन तमिलनाडु से जबकि रेड्डी तेलंगाना से हैं।
संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका कार्यकाल दो साल बचा हुआ था। उनके इस्तीफे के कारण यह चुनाव हो रहा है।
राजग का पलड़ा भारी
विभिन्न दलों द्वारा दिए गए समर्थन को आधार बनाकर आंकड़ों के लिहाज से देखें तो राजग उम्मीदवार का पलड़ा भारी है। हालांकि विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी ने बार-बार यह कहकर अपनी दावेदारी को मजबूत करने का प्रयास किया कि लड़ाई वैचारिक है तथा यह मतदान सिर्फ उप राष्ट्रपति चुनने के लिए नहीं है, बल्कि भारत की भावना के लिए है।
इस चुनाव से एक दिन पहले सोमवार को विपक्ष के सांसदों ने एकजुटता प्रकट करते हुए बैठक की थी और ‘मॉक’ (प्रतीकात्मक) मतदान में हिस्सा लिया था ताकि मंगलवार को मतदान के बाद उनका एक-एक वोट वैध करार हो।
विपक्षी सांसदों ने की बैठक
विपक्षी सांसदों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि उनका वोट बर्बाद न हो, क्योंकि पिछली बार कुछ वोट अवैध घोषित कर दिए गए थे। इस बीच, राजग ने भी सोमवार को चुनाव प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए अपने सांसदों की बैठक की थी। सदस्यों ने ‘मॉक’ मतदान में भी भाग लिया था।
बीजू जनता दल ने किया किनारा
मतदान से एक दिन पहले ही, ओडिशा की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) ने फैसला किया कि उसके सांसद उप राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि उसने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) दोनों से ‘समान दूरी बनाए रखने’ की अपनी नीति के तहत यह निर्णय लिया है। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी एआईएमआईएम ने चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया है।
कौन हैं राधाकृष्णन?
उप राष्ट्रपति पद के राजग उम्मीदवार राधाकृष्णन तमिलनाडु की एक प्रमुख ओबीसी जाति गौंडर से आते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि वाले हैं। राधाकृष्णन को 2023 में झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था और फिर जुलाई 2024 में उन्हें महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया गया था।
अपने पूर्ववर्ती धनखड़ के विपरीत, राधाकृष्णन ने राज्यपाल के रूप में विवादास्पद राजनीतिक मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से काफी हद तक परहेज किया है। धनखड़ भी 2022 में राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित होने से पहले उनकी तरह ही राज्यपाल थे। वह 1998 में कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 में फिर से इस सीट से लोकसभा के लिए चुने गए।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दिनों एक बैठक में राधाकृष्णन की सादगी भरी जीवनशैली और विभिन्न पदों पर रहते हुए जनसेवा के प्रति उनके समर्पण की सराहना की थी और कहा था कि राधाकृष्णन को खेलों में काफी रुचि हो सकती है लेकिन वह राजनीति में खेल नहीं खेलते।
जानें कौन हैं सुदर्शन रेड्डी?
विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार रेड्डी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं और गोवा के लोकायुक्त रहे हैं। वह हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थम् एवं मध्यस्थता केंद्र के न्यासी बोर्ड के सदस्य भी हैं। रेड्डी जुलाई 2011 में शीर्ष अदालत से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने एक फैसले में, नक्सलियों से लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गठित सलवा जुडूम को असंवैधानिक घोषित कर दिया था।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में रेड्डी ने विदेश में बैंक खातों में अवैध रूप से रखे गए बेहिसाब धन को वापस लाने के लिए सभी कदम उठाने के वास्ते एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया था। पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने बतौर न्यायाधीश रेड्डी द्वारा सलवा जुडूम के मामले में दिए गए फैसले को लेकर उन पर निशाना साधा था।
अमित शाह ने लगाया आरोप
अमित शाह ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पर नक्सलवाद का ‘समर्थन’ करने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि अगर सलवा जुडूम पर फैसला नहीं आता, तो वामपंथी उग्रवाद 2020 तक ही खत्म हो गया होता। सलवा जुडूम के फैसले को लेकर अमित शाह द्वारा उन पर किए गए हमले पर रेड्डी ने कहा था कि यह उनका फैसला नहीं था, बल्कि उच्चतम न्यायालय का था तथा शाह को वह फैसला जरूर पढ़ना चाहिए।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि अगर उन्होंने (शाह ने) फैसला पढ़ा होता, तो शायद वह यह टिप्पणी नहीं करते। रेड्डी ने रविवार को सांसदों से अपील की कि वे पार्टी के प्रति निष्ठा को अपने चयन का आधार न बनने दें और उन्हें इस पद के लिए जिताकर यह सुनिश्चित करें कि राज्यसभा लोकतंत्र के एक सच्चे मंदिर के रूप में स्थापित हो।
