उत्तर बंगाल के कद्दावर कांग्रेसी नेता शंकर मालाकार ने थामा तृणमूल का दामन

कहा, अयोग्य प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के रहते बंगाल में कोई संघर्ष संभव नहीं है
Sankar Malakar joins TMC
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कोलकाता: उत्तर बंगाल के अनुभवी कांग्रेस नेता शंकर मालाकार बुधवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये। तृणमूल भवन में पार्टी के राज्य अध्यक्ष सुब्रत बक्शी और मंत्री अरूप विश्वास की मौजूदगी में उन्होंने तृणमूल का झंडा थामा। शंकर मालाकार बीते दो दशकों से दार्जिलिंग जिला कांग्रेस (मैदानी क्षेत्र) के अध्यक्ष थे और साथ ही पिछले 15 वर्षों से एआईसीसी के सदस्य भी रहे हैं। भाजपा के जॉन बरला के बाद, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले इस वरिष्ठ नेता का कांग्रेस छोड़ टीएमसी में शामिल होना राजनीतिक हलकों में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

विपक्ष में रहकर विकास संभव नहीं है

इस मौके पर शंकर मालाकार ने कहा, 2014 में बीजेपी के केंद्र की सत्ता में आने के बाद से उत्तर बंगाल में विभाजन की राजनीति हो रही है। भाजपा नेता कभी लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कामतापुरी, कभी गोरखालैंड और अन्य अलग राज्य के मुद्दे का इस्तेमाल करते हैं। बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस के जरिए लड़ाई संभव नहीं है, इसलिए मैंने तृणमूल में शामिल होने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे पिछले दस वर्षों तक विपक्ष के विधायक रहे और अनुभव किया कि विपक्ष में रहकर विकास संभव नहीं है, इसलिए उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने का फैसला लिया। शंकर मालाकार ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व पर भी निशाना साधते हुए कहा, अयोग्य प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के रहते बंगाल में कोई संघर्ष संभव नहीं है। सिर्फ ममता बनर्जी ही बंगाल को आगे ले जा सकती हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है और अपना त्यागपत्र कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दिया है।

आज तक दिल्ली को बंगाल के विपक्ष की चिंता करते नहीं देखा

शंकर मालाकार का दावा है कि उनके कई समर्थक भी तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के इच्छुक हैं और आने वाले दिनों में तृणमूल का रुख कर सकते हैं। शंकर मालाकार ने कहा, मैं उत्तर बंगाल की धरती और जनता को जानता हूं। ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के लिए जो कार्य शुरू किए हैं, उसका मुकाबला कोई नहीं कर पाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को कुछ गिने-चुने लोगों के बूते मजबूत करना संभव नहीं है। बंगाल में कांग्रेस का कुल वोट प्रतिशत केवल 3% है, जिससे कुछ हासिल नहीं होगा। उन्होंने कहा, आज तक मैंने दिल्ली को पश्चिम बंगाल के विपक्ष की चिंता करते नहीं देखा। 'इंडिया' गठबंधन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह गठबंधन टूटा नहीं है, ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के साथ संबंध बहुत अच्छे हैं और राहुल गांधी प्रयास कर रहे हैं। इस मौके पर मंत्री अरूप विश्वास ने कहा, पिच पर अब भी स्विंग बाकी है। और विकेट गिरेंगे...आप लोग देखते रहिए।

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