नई दिल्ली: महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को राहत मिलती दिख रही है। सब्जियों की कीमतों में कमी आने से थोक महंगाई में भी गिरावट आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में थोक मूल्य आधारित महंगाई (WPI) घटकर 1.89% पर आ गई, जो कि तीन महीने का सबसे निचला स्तर है। अक्टूबर में यह आंकड़ा 2.36% था। इस गिरावट की मुख्य वजह खाद्य वस्तुओं, विशेष रूप से सब्जियों की कीमतों में नरमी रही।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई में राहत:
खाद्य वस्तुओं की महंगाई नवंबर में घटकर 8.63% हो गई, जबकि अक्टूबर में यह 13.54% थी। इसमें सबसे बड़ी गिरावट सब्जियों की कीमतों में आई, जिनकी मुद्रास्फीति 28.57% रही, जो अक्टूबर में 63.04% थी। हालांकि, आलू की महंगाई अभी भी 82.79% के उच्च स्तर पर बनी रही, जबकि प्याज की महंगाई 2.85% पर आ गई, जो अक्टूबर में ज्यादा थी। ईंधन और बिजली के दामों में भी मामूली बदलाव देखा गया। नवंबर में इस श्रेणी में महंगाई 5.83% रही, जबकि अक्टूबर में यह 5.79% थी।
महंगाई में भी गिरावट
इसके अलावा, खुदरा महंगाई (CPI) में भी कमी आई है। नवंबर में यह 5.48% पर आ गई, जो अक्टूबर में 6.21% थी। खाद्य वस्तुओं की महंगाई में नरमी के कारण खुदरा महंगाई में गिरावट देखने को मिली। विशेष रूप से सब्जियों के दाम में कमी ने इस पर सकारात्मक असर डाला।
आने वाले समय में, यदि खाद्य वस्तुओं, खासकर सब्जियों की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो महंगाई में और राहत मिल सकती है। नवंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई घटकर 9.04% रही, जो अक्टूबर में 10.87% थी। इस प्रकार, महंगाई में गिरावट से आम आदमी को राहत मिली है, और यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में भी महंगाई के दबाव में कमी बनी रहेगी।