Veena Shahi ki Kahani: कांग्रेस नेता वीणा शाही को क्यों वैशाली की जनता करती हैं पसंद?

veena shahi
Published on

पटना: बिहार की राजनीति के स्तंभ माने जाने वाले बाबू ललितेश्वर प्रसाद शाही, जो कभी केंद्र सरकार में शिक्षा व संस्कृति मंत्री रह चुके थे। उनकी राजनीतिक विरासत को आज भी अपने साथ लेकर उनकी पुत्रवधू वीणा शाही चल रही हैं।

कहते हैं कि वैशाली का राजनीतिक इतिहास कभी लिखा जाएगा तो ‘शाही परिवार’ का जिक्र जरूर आएगा, क्योंकि 70 के दशक से इस क्षेत्र में शाही परिवार की पकड़ रही है। वैशाली की जनता ने एक ही परिवार के तीन-तीन (ललितेश्वर प्रसाद शाही, हेमंत शाही और वीणा शाही) लोगों को चुनाव जीताकर विधानसभा भेजा है।

कब हुआ वैशाली विधानसभा का गठन

1967 में वैशाली विधानसभा बनाया गया था। तब पहली बार इस सीट से ललितेश्वर प्रसाद शाही ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे। बाबू ललितेश्वर प्रसाद शाही ने 1967 और 1972 में वैशाली विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी, लेकिन 1969 में उन्होंने वैशाली से नहीं बल्कि लाल गंज विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी।

·       1967: वैशाली विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की।

·       1969: लाल गंज विधानसभा सीट से लोक तांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की।

·       1972: वैशाली विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर फिर से जीत दर्ज की। इस प्रकार, उन्होंने तीन बार लगातार जीत दर्ज की।

जनता के बीच वीणा शाही
जनता के बीच वीणा शाही

इसके बाद साल 1991 में हेमंत कुमार शाही ने इस सीट पर जीत दर्ज की और परिवार के दूसरे शख्स बनें। जो वैशाली विधानसभा पर अपना परचम लहराया। लेकिन, 28 मार्च, 1992 को वैशाली के गोरौल अंचलाधिकारी कार्यालय में अपराधियों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई।

अब राजनीति की विरासत और उसकी बागडोर वीणा शाही को मिली। उन्होंने पति की मौत के बाद उपचुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 2000 में एक बार फिर से वो विधायक चुनी गईं और तभी वो राबड़ी देवी की मंत्रिमंडल में सहकारिता विभाग की कैबिनेट मंत्री बनीं। जहां उन्होंने सहकारिता क्षेत्र को मजबूत किया और ग्रामीण विकास को लगातार गति दी।

जनता की सेवा ही धर्म मानने लगीं

पति की मौत के बाद से वीणा शाही अपना ज्यादातर वक्त इलाके के लोगों के फरियाद में निकालने लगीं। वो लोगों के हर सुख-दुख में दिखाई देती हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र में किसी गरीब को कोई भी समस्या हो, वो सबसे पहले नज़र आती हैं।

पार्टी का काम बखूबी संभाला

कांग्रेस नेता वीणा शाही ने बीते दो सालों पार्टी की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाती नजर आयी हैं। वो लगातार पार्टी और राहुल गांधी के विचारों को बखूबी आगे बढ़ाते हुए हर पंचायत में जनसभा, चौपाल और घर-घर संपर्क साध रही हैं। वीणा शाही ने बीते दो सालों में 32 पंचायतों का दौरा पूरा किया है।

वैशाली की महिलाओं को पार्टी योजनाओं के बारे में समझाती वीणा शाही
वैशाली की महिलाओं को पार्टी योजनाओं के बारे में समझाती वीणा शाही

हर घर झंडा अभियान

·       अप्रैल 2025 से वैशाली-125 के विभिन्न पंचायतों का अभियान शुरू।

·       अब तक 10,000 से ज्यादा घरों में कांग्रेस का झंडा लगाया

·       आगे का लक्ष्य है कि 20 हजार से ज्यादा घरों झंडा लगाया जाए।

·       साथ ही हजारों घरों पर तिरंगा भी फहराने का संकल्प लिया है।

पार्टी के सशक्त योजना ‘माई-बहिन योजना’

·       विभिन्न पंचायतों से 5000 से ज्यादा पंजीकरण किया।

·       आने वाले समय में 10 हजार से ज्यादा महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य।

·       प्रत्येक पंजीकृत बहन को पार्टी (कांग्रेस) की नीतियों और योजनाओं से जोड़ा है।

·       पंचायत स्तर पर महिला मंडल और समूहों का गठन किया।

महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण पर जोर दिया।

वहीं वीणा शाही यहीं नहीं रूकी बल्कि समाज के इस नए दौर में सोशल मीडिया पर भी खूब एक्टिव हैं। ताकि, वो युवाओं के साथ भी खुद को जोड़ सकें। अपनी हर नीति और कार्यों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी अपनी जनता तक आवाज पहुंचाती हैं। फेसबुक, इंस्टा जैसे सोशल मीडिया पेजों पर उनके लाखों में फॉलोवर्स भी हैं। वीणा शाही अक्सर जब पंचायतों या लोगों से मिलती हैं तो कहती हैं कि सिर्फ बातें नहीं, जमीनी बदलाव ही उनका संकल्प है और जनता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म मानती हैं।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in