कोलकाता : हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना करते हुए वट यानी बरगद पेड़ की पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन ही वट वृक्ष के नीचे यमराज ने माता सावित्री के पति सत्यवान के प्राणों को लौटाया था। कहते हैं कि वट सावित्री का व्रत रखने से पति की आयु लंबी होती हैं और व्रती महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में अगर आप शादी के बाद पहली बार वट सावित्री का व्रत रखने जा रही हैं तो इन बातों का खास ध्यान रखें।
वट सावित्री व्रत के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां
1. वट सावित्री के दिन भूलकर भी बरगद की टहनियों को नहीं तोड़ना चाहिए। कहते हैं कि इसे माता सावित्री का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में बरगद की टहनियों को तोड़ने से आपको पूजा का शुभ फल नहीं मिलेगा।
2. वट सावित्री के दिन सुहागिन महिलाएं सफेद, नीले और काले रंग के कपड़े भूलकर भी न पहनें। सुहाग की पूजा में इन रंगों का इस्तेमाल सही नहीं माना गया है।
3. अगर आप शादी के बाद पहली बार वट सावित्री का व्रत रख रही हैं तो सुहाग की सभी सामग्री मायके से ही लेनी चाहिए। इसके साथ ही कहते हैं कि पहला वट सावित्री का व्रत ससुराल की जगह मायके में करना चाहिए।
4. वट सावित्री व्रत की कथा जरूर सुनें। कथा के बीच में गलती से भी अपने स्थान से उठकर नहीं जाना चाहिए। वरना आपकी पूजा अधूरी रह सकती है।
5. सावित्री पूजा में कच्चा सूत वट वृक्ष पर कच्चा सूत बांधा जाता है। ऐसे में परिक्रमा करते समय अपना पैर दूसरों को न लगने दें वरना आपकी पूजा खंडित हो सकती है। पूजा का शुभ फल प्राप्त करने के लिए इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें।
वट सावित्री 2024 व्रत तिथि और मुहूर्त
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि का प्रारंभ- 5 जून 2024 को शाम 7 बजकर 54 मिनट से
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि का समाप्त- 6 जून 2024 को शाम 6 बजकर 7 मिनट पर
वट सावित्री पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- 6 जून को सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट के बीच
वट सावित्री 2024 व्रत तिथि- 6 जून 2024
Vat Savitri 2024 : अगर पहली बार करने जा रही हैं वट सावित्री का व्रत तो भूलकर न करें ये गलतियां, जानें सही नियम
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