नयी दिल्ली : अमेरिका की सहायता एजेंसी यूएसएआईडी को दी जाने वाली धनराशि में भारी कटौती के परिणामस्वरूप 2030 तक दुनियाभर में 1.4 करोड़ से अधिक मौतें हो सकती हैं, जिन्हें प्रभावी कार्यक्रमों से रोका जा सकता है।
सबसे बुरा असर 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों पर
शोध पत्रिका ‘लैंसेट’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार मरने वालों में से एक तिहाई संख्या पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की हो सकती हैं। कोष में कटौती से दशकों की प्रगति उलट सकती है और कई निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए अंजाम ‘वैश्विक महामारी’ या ‘बड़े सशस्त्र संघर्ष’ के पैमाने के बराबर होगा। मार्च में अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो ने कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने मानवीय और विकास सहायता के लिए दुनिया की सबसे बड़ी वित्तपोषण एजेंसी यूएसएआईडी के 83 प्रतिशत कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।
2001-2021 के दौरान मध्यम आय वाले देशों में 9 करोड़ मौतें रोकी गयीं
शोधकर्ताओं का यह भी अनुमान है कि 2001 से 2021 के बीच यूएसएआईडी समर्थित कार्यक्रमों के कारण निम्न और मध्यम आय वाले देशों में नौ करोड़ से अधिक मौतें रोकी गयीं। इनमें से लगभग एक तिहाई संख्या बच्चों की थी।ब्राजील की ‘फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ बाहिया’ की पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता डेनिएला कैवलकैंटी ने कहा कि हमारा विश्लेषण दर्शाता है कि पिछले दो दशकों में दुनिया के कुछ सबसे कमजोर क्षेत्रों में जीवन बचाने और स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने में यूएसएआईडी का वित्तपोषण एक आवश्यक साधन रहा है।
कटौती से हो सकती हैं 2030 तक सभी आयु वर्गों में 1,40,51,750 अतिरिक्त मौतें
शोधकर्ताओं ने कहा है कि वित्त पोषण में मौजूदा जबरदस्त कटौती के परिणामस्वरूप 2030 तक सभी आयु वर्गों में 1,40,51,750 से अधिक अतिरिक्त मौतें हो सकती हैं, जिनमें पांच वर्ष से कम आयु के 45,37,157 बच्चे शामिल होंगे। अध्ययन में यह भी पाया गया कि यूएसएआईडी समर्थित कार्यक्रमों से सभी कारणों से होने वाली मृत्यु दर में 15 प्रतिशत की कमी आयी तथा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में मृत्यु दर में 32 प्रतिशत की कमी आयी।