नयी दिल्ली : संसद में विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा की मांग नहीं माने जाने पर लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी सदन में जबर्दस्त हंगामा किया, जिसके कारण दो बार के स्थगन के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।
लोकसभा में नारबाजी
लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे पुन: शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने शोर-शराबा जारी रखा। कई विपक्षी सदस्य अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर तख्तियां लहरा रहे थे और कुछ सदस्य आसन के समीप आ गये। हंगामे के बीच पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने विपक्षी सदस्यों से अपनी सीटों पर जाकर बैठने का आग्रह करते हुए कहा कि सदन में आज गोवा के आदिवासी समुदाय से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा होनी है। लोकसभा की बुधवार की कार्यसूची में ‘गोवा राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का समायोजन विधेयक, 2024’ सूचीबद्ध था। उन्होंने कहा की पिछले दो दिन में हमने बेशकीमती समय गंवाया है। विधेयक पर चर्चा होने दें। आप इस तरह तख्तियां नहीं लहरा सकते। इसके साथ ही उन्होंने सदन की कार्यवाही गुरुवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
शोर-शराबे के बीच दो बिल पेश किये गये
इससे पहले सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे। विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहरायीं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे। उन्होंने बिहार में एसआईआर की कवायद, पहलगाम आतंकी हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोकने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों सहित कुछ विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। सदन में शोर-शराबे के बीच ही रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रश्नकाल के दौरान कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर दिये। हंगामे के बीच ही खेलमंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक 2025 सदन में पेश किये। शोर-शराबा समाप्त नहीं होने पर पीठासीन सभापति ने बैठक दो बजे तक स्थगित कर दी थी।
राज्यसभा में भी छाया रहा एसआईआर का मुद्दा
राज्यसभा में भी एसआईआर के मुद्दे पर विपक्षी दलों के विरोध के चलते कार्यवाही बुधवार को बाधित रही और दो बार स्थगन के बाद दोपहर दो बज कर पांच मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन की बैठक जैसे ही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते कुछ ही मिनटों में कार्यवाही स्थगित कर दी गयी। इस दौरान आसन पर उपसभापति हरिवंश थे। कार्यवाही शुरू होने पर उपसभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये। हरिवंश ने बताया कि कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह, रजनी अशोक राव पाटिल, नीरज डांगी, डॉ सैयद नासिर हुसैन, रेणुका चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, महुआ मांझी, सुष्मिता देव, द्रमुक के तिरुचि शिवा और राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा सहित कुछ सदस्यों ने एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नोटिस दी हैं। हरिवंश ने बताया कि ये नोटिस अस्वीकार कर दी गयी हैं। इस पर विपक्षी सदस्य विरोध जताते हुए हंगामा करने लगे। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने दोपहर दो बज कर पांच मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।