

नई दिल्ली - वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को जैसे ही राज्यसभा में पेश की गई, विपक्ष ने इस पर विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि वक्फ बिल के मसौदे में कई गंभीर संवैधानिक खामियां और विसंगतियां हैं।
वहीं, राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस रिपोर्ट में कई बिंदुओं को हटा दिया गया है, और यह पूरी रिपोर्ट नहीं है, इसलिए इसे फिर से जेपीसी के पास भेजा जाना चाहिए। हालांकि, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि रिपोर्ट में किसी भी सामग्री को हटाया नहीं गया है। जेपीसी के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने बताया कि यह रिपोर्ट आज लोकसभा में भी पेश की जाएगी और यह रिपोर्ट पिछले छह महीनों की लगातार बैठकों के बाद तैयार हुई है, जिसे अब हम प्रस्तुत कर रहे हैं।
राज्यसभा में वक्फ बोर्ड पर जेपीसी की रिपोर्ट पेश होने के बाद विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया और फिर सदन से वॉकआउट कर दिया। इस पर जेपी नड्डा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा "विपक्ष अब वॉकआउट कर रहा है। ये सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होना चाहते हैं। सदन की कार्यवाही के दौरान कुछ सदस्यों ने नियमों का उल्लंघन भी किया। सारी चर्चा में एक बात सामने आई कि विपक्ष का उद्देश्य चर्चा करना कतई नहीं था। विपक्ष का उद्देश्य राजनीतिक दृष्टि से अपना प्वाइंट स्कोर करने का था। ये दुख की बात है कि संसदीय कार्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट से किसी बात को डिलीट नहीं किया गया है। हमारे एक मंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि चेयरमैन को अधिकार है कि वह किसी भी चीज को डिलीट कर सकता है। लेकिन कुछ डिलीट नहीं किया गया है। इसके बावजूद विपक्ष ने बहुत गैरजिम्मेदार व्यवहार किया है। इसकी निंदा होनी चाहिए, ये तुष्टिकरण की राजनीति है। ये देश को कमजोर करने के लिए साजिश की गई। कुछ लोग देश को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं। कुछ लोग भारत देश के खिलाफ लड़ रहे हैं। कांग्रेस आौर जो विपक्षी पार्टियां आज वॉकआउट कर रही हैं, वो रिकॉर्ड में आना चाहिए, क्योंकि ऐसा करके ये देश को तोड़ने वाली शक्तियों के हाथ मजबूत कर रहे हैं।"
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी रिपोर्ट पर राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "इस बिल को लेकर हमें कुछ आपत्तियां जताई थीं। सरकार ने हमारे डिसेंट ऑफ नोट भी हटा दिये। कई नियमों का उल्लंघन हुआ। ऐसी फर्जी रिपोर्ट को हम कभी नहीं मानेंगे इस बिल को एक बार फिर से जेपीसी के पास भेजना चाहिए। फिर से रिपोर्ट पर विचार होना चाहिए. ऐसा कई बार पहले भी हो चुका है।"
इस पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताई और कहा कि किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। किसी भी बात को काटा नहीं गया है। पूरी की पूरी रिपोर्ट को पेश किया जा रहा है। इस रिपोर्ट को आज सिर्फ टेबल किया गया, फिर कैसे कहां जा सकता है कि इसमें क्या है और क्या नहीं? जब इस रिपोर्ट पर चर्चा होगी, तो विपक्ष अपनी आपत्ति जता सकता है।
2 बजे तक कार्यवाही को किया गया स्थगित
राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी रिपोर्ट बीजेपी सांसद मेधा विश्राम कुलकर्णी द्वारा पेश किए जाने के बाद विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
इस दौरान विपक्षी सांसदों ने वक्फ बिल को वापस लेने की मांग करते हुए वेल में पहुंचकर नारेबाजी की। इसी प्रकार, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी सदन में हंगामे के बाद कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने दावा किया कि उन्होंने जेपीसी की बैठक में वक्फ बिल के मसौदे में संवैधानिक खामियां उजागर की थीं और उम्मीद जताई कि सरकार इन खामियों पर गंभीरता से विचार करेगी।