सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिससे युवाओं के लिए अभूतपूर्व अवसर खुल रहे हैं और यह द्वीपसमूह 2047 तक भारत की 20 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के विजन में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में स्थापित हो रहा है। आर्थिक और बुनियादी ढांचे के विकास की एक विस्तृत श्रृंखला द्वीपों के भविष्य को नया आकार दे रही है। अंडमान निकोबार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डॉ. के. चंद्रशेखरन ने कहा कि पर्यटन से संबंधित परियोजनाओं, जल और साहसिक खेलों के विस्तार, मत्स्य पालन का विकास और बढ़ी हुई अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी की बदौलत अंडमान और निकोबार के युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है।
विकास की मुख्य विशेषताएं :
• जल क्रीड़ा और समुद्री पर्यटन का विस्तार
• सरकारी प्रोत्साहनों के साथ बड़े पैमाने पर मत्स्य पालन में विकास
• निर्यात और रोजगार के लिए टूना-समृद्ध क्षेत्रों का दोहन
• ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे और अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह संपर्क
• कच्चे तेल और गैस की खोज के माध्यम से ऊर्जा से जुड़ी वृद्धि
अंडमान बेसिन में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के पर्याप्त भंडार की हाल ही में हुई खोज को राष्ट्रीय सफलता के रूप में देखा जा रहा है। डॉ. चंद्रशेखरन ने कहा कि यह खोज भारत को ऊर्जा निर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मलक्का जलडमरूमध्य के पास अपने महत्वपूर्ण स्थान के साथ द्वीप समुद्री सुरक्षा और भारत की इंडो-पैसिफिक महत्वाकांक्षाओं के लिए एक रणनीतिक केंद्र के रूप में भी उभर रहे हैं।