UN की बहुपक्षवाद की विश्वसनीयता बनाये रखने पर जोर
UN में होने वाली बहसें अब बहुत ज्यादा ‘बंटी’ हुई
UN की 80वीं वर्षगांठ पर डाक टिकट भी जारी
डाक टिकट के लिए देशभर से छात्रों ने दी थी 740,000 प्रविष्टियां
नयी दिल्ली : भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधारों की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि वैश्विक निकाय का कामकाज ‘अवरुद्ध’ हो गया है। भारत ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन को UNSC में बचाने संबंधी पाकिस्तान के प्रयासों का हवाला देते हुए कहा कि जब सुरक्षा परिषद का एक वर्तमान सदस्य ऐसे संगठन का खुलेआम बचाव करता है तो इससे UN की बहुपक्षवाद की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है।
‘UN में सब कुछ ठीक नहीं है’
विदेशमंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र (UN ) की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में वैश्विक रणनीति के नाम पर आतंकवाद के पीड़ितों और गुनाहगारों की तुलना करने वालों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि UN में ‘सब कुछ ठीक नहीं है’ क्योंकि UN में होने वाली बहसें अब बहुत ज्यादा बंटी हुई हैं और उसका कामकाज साफ तौर पर रुका हुआ दिख रहा है। किसी भी सार्थक सुधार को उसकी अपनी प्रक्रिया के जरिये ही रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को बनाये रखना तथा इसके पुनर्निर्माण की मांग करना स्पष्ट रूप से विश्व के समक्ष एक बड़ी चुनौती है। जयशंकर ने हालांकि सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम नहीं लिया लेकिन उनकी टिप्पणी से यह स्पष्ट था कि वह उसी देश का उल्लेख कर रहे थे।
डाक टिकट जारी
विदेशमंत्री ने भारत सरकार की ओर से संयुक्त राष्ट्र संघ की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक डाक टिकट भी जारी किया। डाक टिकट के लिए देशभर से नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों से प्रविष्टियां मंगायी गयी थीं। सरकार को देश भर से 740,000 प्रविष्टियां मिली थीं।
पाक ने UNSC में किया था TRF का बचाव
गौरतलब है कि पाकिस्तान वर्तमान में UNSC का सदस्य है। जुलाई में वह इस शीर्ष वैश्विक संस्था का अध्यक्ष था। परिषद में 15 सदस्य हैं, जिनमें पांच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूसी संघ, ब्रिटेन और अमेरिका हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा दस अस्थायी सदस्य राष्ट्रों को दो वर्ष के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। UNSC की अध्यक्षता प्रत्येक सदस्य द्वारा बारी-बारी से एक महीने के लिए की जाती है। अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान ने पहलगाम हमले की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रेस वक्तव्य में TRF का उल्लेख हटाने का प्रयास किया था। लश्कर-ए-तैयबा (LET) आतंकवादी समूह से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। जुलाई में UNSC की रिपोर्ट में पहलगाम हमले में TRF की भूमिका का उल्लेख किया गया था।