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राजस्थान के अनूपगढ़ में खेत में मिला तुर्किए का जिंदा ड्रोन

भारत के हाथ लगा पाकिस्तान-तुर्किये मिलीभगत का सुबूत
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नयी दिल्ली : पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के अनूपगढ़ में तुर्किए का जिंदा ड्रोन मिला है। यह ड्रोन जहां मिला वहां से पाकिस्तान सीमा की दूरी मात्र 12 किलोमीटर है। गौरतलब बात यह है कि अनूपगढ़ की एक नर्सरी में मिला पाकिस्तान द्वारा भेजा गया तुर्किए का यह ड्रोन सही सलामत मिला है।

रिवर्स इंजीनियरिंग में हो सकता है ड्रोन का इस्तेमाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि शायद इसकी बैटरी डिस्चार्ज हो गयी थी, इसलिए वह लैंड हो गया। ड्रोन में विस्फोटक भी मौजूद था। जिसे सेना ने सावधानीपूर्वक इसे अपने कब्जे में लिया। अब इस ड्रोन का इस्तेमाल रिवर्स इंजीनियरिंग के लिए किया जा सकता है। साथ ही यह ड्रोन सुबूत के तौर पर भी रखा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार अनूपगढ़ के गांव 12ए में वन विभाग की नर्सली में स्थानीय ग्रामीणों ने ड्रोन नुमा चीज देखी तो तुरंत स्थानीय अधिकारियों को सूचित किया। जिसके बाद अनूपगढ़ के थानेदार ईश्वर जांगिड़ पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सूचना दी।

5-7 फुट लंबा ड्रोन, कैमरा मॉड्यूल टूटा हुआ था

रिपोर्ट के अनुसार यह ड्रोन 5 से 7 फुट लंबा था। जिसका कैमरा मॉड्यूल टूटा हुआ और अलग था। स्थानीय थानाधिकारी ने कहा कि ड्रोन को जब्त कर लिया गया है। इसे फोरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण के लिए भेजा जायेगा ताकि उसके बारे में पता लगाया जा सके। रक्षा सूत्रों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रणनीतिक महत्व को देखते हुए वहां ड्रोन नुमा चीज मिलना गंभीर है। गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में पाकिस्तान ने 8 और 9 मई की रात भारत के 36 स्थानों पर 300-400 तुर्किए निर्मित ड्रोन के जरिये हमले की कोशिश की थी।

‘अस्सिगार्ड सोंगर ड्रोन’

पाकिस्तान ने तुर्किए के ‘अस्सिगार्ड सोंगर ड्रोन’ भारत में भेजे थे। यह तुर्किए का पहला स्वदेशी सशस्त्र ड्रोन सिस्टम कहा जाता है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि अब इस बात की जांच की जायेगी कि अनूपगढ़ में मिला जिंदा ड्रोन कौन सा है और कितना घातक है, इसके लिए रिवर्स इंजीनियरिंग के जरिये सारी जानकारी जुटाई जायेगी।

भारत में तुर्किए के विरोध का दौर शुरू

भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष में तुर्किए ने पाकिस्तान की मदद की थी। पाकिस्तान ने तुर्किए के ड्रोनों से भारत पर हमले की कोशिश की। सेना द्वारा इस बात की जानकारी दिये जाने के बाद से भारत में तुर्किए के विरोध का दौर शुरू हो गया है। बॉयकॉट तुर्किए की मुहिम लगातार तेज होती नजर आ रही है। जेएनयू-जामिया सहित भारत की कई प्रतिष्ठिति विश्वविद्यालयों ने तुर्किए के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) समाप्त कर दिया है। भारत में काम कर रही तुर्किए की फर्म सेलेबी का सिक्योरिटी क्लियरेंस रद्द कर दिया गया है। लोग तुर्किए की यात्रा रद्द कर रहे हैं। कारोबारियों ने तुर्किए के फल-मार्बल आदि का आयात करने का फैसला लिया है।

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