‘ना घर का ना घाट का’, लड़ाई के बाद खाली हाथ रह गया Ukraine? NATO का सपना टूटा, जमीन भी छीनी

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नई दिल्ली: यूक्रेन की दो दशक से अधिक समय से नाटो संगठन का हिस्सा बनने की चाहत सोमवार को धूमिल हो गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कह दिया कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा और न ही कब्जाया गया क्रीमिया उसे वापस दिया जाएगा।

सोशल मीडिया पर डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा कि अब रूस के साथ जंग रोकना यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पर टिका है। जेलेंस्की को नाटो की सदस्यता की जिद्द छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि, वो उन्हें नहीं मिलने वाला है।

साथ ही क्रीमिया की आस यूक्रेन को छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि 12 साल पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौर में बिना गोली चले क्रीमिया रूस को सौंप दिया गया था और यूक्रेन भी नाटो में शामिल नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं।

बैठक में क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?

डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इस बैठक का नतीजा चाहे जो भी रहे वो यूक्रेन का समर्थन करते रहेंगे। युद्ध खत्म जरूर होगा, लेकिन यह आसान नहीं है।

बदले-बदले से दिखें जेलेंस्की

पिछली बार व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से दुनियाभर की मीडिया से सामने भिड़ जाने वाले जेलेंस्की इस बार बदले-बदले नजर आएं। उन्होंने कई बार डोनाल्ड ट्रंप को युद्ध रुकवाने के उनके 'व्यक्तिगत प्रयासों' के लिए धन्यवाद दिया।

जेलेंस्की ने कहा कि शांति समझौते के लिए उनके देश को मजबूत सेना चाहिए। जिसमें हथियार, सैनिक, ट्रेनिंग और खुफिया जानकारी शामिल हैं। जेलेंस्की के साथ यूरोप के 7 बड़े नेता ट्रंप से बैठक करेंगे। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप फोन पर त्रिपक्षीय बैठक के लिए पुतिन से बात करेंगे।

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