नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ व अन्य दादागिरी के बीच भारत बड़ी तैयारी कर रहा है। पहले यह खबर आई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 साल बाद पहली बार चीन के दौरे पर जाएंगे। उसके बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने मोदी से फोन पर बात की, क्योंकि ब्राजील पर भी ट्रंप ने 50% टैरिफ लगाया है।
अब मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ भी फोन पर बातचीत की। उन्होंने बताया कि बातचीत में दोनों देशों ने अपने संबंधों को और गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई है। वहीं, मोदी के इसी माह चीन दौरे का चीन ने स्वागत किया है। इन सब घटनाक्रम से संकेत मिल रहा है कि भारत, रूस, चीन व ब्राजील ट्रंप को सबक सिखाने की तैयारी में लगे हैं।
ट्रंप को संकेत
ट्रंप ने भारत पर टैरिफ इसी बहाने लगाए हैं कि भारत रूस से तेल और हथियार खरीद रहा है। ऐसे में मोदी ने रूस के साथ संबंध और गहरे करने की बात कहकर ट्रंप को संकेत दे दिया है।
ट्रंप ने भारत के साथ शुल्क का मुद्दा हल होने तक उसके साथ व्यापार वार्ता की संभावना से इनकार किया है। ट्रंप से ओवल कार्यालय में पूछा गया था कि क्या उन्हें भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा करने के बाद व्यापार वार्ता आगे बढ़ने की उम्मीद है, इस पर उन्होंने कहा कि तब तक नहीं जब तक यह मुद्दा हल नहीं हो जाता।
पिछले सप्ताह, ट्रंप ने भारत पर 25+25=50% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। 25% टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो गया। अतिरिक्त 25% शुल्क 21 दिनों बाद यानी 27 अगस्त से लागू होगा।
ये भी पढ़ें: Trump Tariff पर पीएम मोदी बोले- नहीं झुकेगा भारत
महामंदी की धमकी
अमेरिका में टैरिफ बढ़ाने के फैसलों की कड़ी आलोचना और कोर्ट द्वारा इस फैसले को पलटे जाने की आशंका के बीच ट्रंप ने धमकी दी कि अगर कोई ‘वामपंथी अदालत’ उनके इस फैसले को पलटती है तो देश में 1929 की तरह महामंदी आ जाएगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तबाह हो सकती है।
उन्होंने दावा किया कि टैरिफ बढ़ाए जाने से अमेरिकी शेयर बाजार में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है, रोज नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। देश में सैकड़ों अरब डॉलर रहे हैं। कोर्ट का फैसला अगर मेरे निर्णय के खिलाफ गया तो इतनी बड़ी रकम और सम्मान को वापस पाना मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा कि इसके पहले किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने ऐसी चुनौतियां सामने नहीं आई, जिसका मैने सफलता पूर्वक सामना किया। उन्होंने कहा कि को और सफल और महान बनाना है न कि अराजकता, असफलता और अपमान का प्रर्याय।
ये भी पढे़ं: अमेरिका से टेंशन के बीच चीन जाएंगे PM मोदी?
पुतिन ने मोदी को यूक्रेन के साथ अपने देश के जारी संघर्ष के बारे में जानकारी दी जबकि मोदी ने इस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के दृढ़ रुख को दोहराया। दोनों नेताओं ने अपने द्विपक्षीय एजेंडे में प्रगति की भी समीक्षा की और भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।
पीएम मोदी ने पुतिन को इस वर्ष के अंत में वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया है। यह 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा। ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने भी गुरुवार को मोदी से टेलीफोन पर बात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच संबंधों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जतायी थी।