शशि थरूर
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'पाकिस्तान में तेल खोजने को लेकर ट्रंप को भ्रम...', बोले शशि थरूर

शशि थरूर ने कहा कि अभी ये देखना होगा कि अमेरिका कितना टैरिफ लगाएगा
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नई दिल्ली : शशि थरूर ने कहा कि अभी ये देखना होगा कि अमेरिका कितना टैरिफ लगाएगा। अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। रूस से तेल खरीदने पर हम वह 100 फीसदी पेनाल्टी भी लग सकती है। जिस तरह की बातें ट्रंप कर रहे हैं। यह उनकी बारगेनिंग टैक्टिस भी हो सकती है। लेकिन अगर हम पर इतना अधिक टैरिफ लगेगा तो इससे हमारा ट्रेड बर्बाद हो जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ ट्रेड डील को लेकर सख्त संकेत दिए हैं। भारत पर संभावित 25 फीसदी टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर अतिरिक्त पेनाल्टी का अंदेशा जताया जा रहा है। जबकि ट्रंप ने दूसरी तरफ पाकिस्तान के साथ ऑयल डील कर चौंका दिया है। अब इस पूरे मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने प्रतिक्रिया दी है।

शशि थरूर ने कहा कि अभी ये देखना होगा कि अमेरिका कितना टैरिफ लगाएगा।अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। रूस से तेल खरीदने पर हम वह 100 फीसदी पेनाल्टी भी लग सकती है। जिस तरह की बातें ट्रंप कर रहे हैं। यह उनकी बारगेनिंग टैक्टिस भी हो सकती है। लेकिन अगर हम पर इतना अधिक टैरिफ लगेगा तो इससे हमारा ट्रेड बर्बाद हो जाएगा।

थरूर ने कहा कि अमेरिका से ट्रेड को लेकर अभी बातचीत हो ही रही है। लेकिन अगर बात नहीं बनी तो इससे हमारे एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा। हमारी जीडीपी डगमगा जाएग। अमेरिका की व्यापारिक मांगें पूरी तरह से अनुचित है। इससे भारत में लाखों लोगों की आजीविका खतरे में आ जाएगा। अमेरिका हमारे लिए बहुत बड़ा बाजार है। अमेरिका में हमारा तकरीबीन 90 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट होता है। अगर इसमें भारी कमी आई, तो यह हमें नुकसान पहुंचाएगा।

अमेरिका-पाकिस्तान की ऑयल डील पर क्या बोले थरूर?

उन्होंने कहा कि अमेरिका की मांगें पूरी तरह से अनुचित हैं और हमारे वार्ताकारों को इसका विरोध करने का पूरा अधिकार है। हमारे देश की लगभग 70 करोड़ आबादी कृषि पर निर्भर हैं। हम उनकी आजीविका को सिर्फ अमेरिका को खुश करने के लिए खतरे में नहीं डाल सकते। अमेरिका को भी हमारी जरूरतों को समझना होगा। 

पाकिस्तान के साथ अमेरिका की ऑयल डील पर थरूर ने कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान में तेल खोजने को लेकर ट्रंप को भ्रम है। वह पाकिस्तान में तेल खोज रहे हैं। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। हमारा फोकस फिलहाल अभी हमारे हितों पर होना चाहिए।

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