

सबिता, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बिहार में विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया है। अब इस पर तृणमूल कांग्रेस की प्रतिक्रिया आयी है। तृणमूल ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को भाजपा के निजी खेल के मैदान में तब्दील किया जा रहा था। इन घटिया चालों के जरिए असली वोटरों को हटाना और फर्जी वोटरों को शामिल किया जा रहा था। इसे विशेष गहन पुनरीक्षण का जामा पहनाया जा रहा था। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने भाजपा की साजिश को नाकाम कर दिया। आधार को वैध पहचान पत्र के रूप में बहाल करके, न्यायालय ने इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है, उनकी साजिश पर ब्रेक लगाया है और भाजपा-चुनाव आयोग को याद दिलाया है कि वोट की पवित्रता जनता की है, सत्ता के नशे में चूर किसी पार्टी की नहीं। यह एक चेतावनी है। लोकतंत्र भाजपा की जागीर नहीं है और चुनाव उनकी नीलामी का घर नहीं हैं। सत्ता की भूख के लिए भारत के लोगों को मिटाया या बदला नहीं जा सकता। तृणमूल सांसद सागरिका घोष ने कहा कि उच्चतम न्यायलय ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि स्पेशल इंटेसिव प्रक्रिया में आधार कार्ड को बारहवीं दस्तावेज के रूप में स्वीकार करना होगा। सांसद ने कहा कि यह उन लोगों के लिए जीत है जो अभी भी भारत के लोकतंत्र में संविधान में भरोसा रखते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग आधार कार्ड को एसआईआर में स्वीकार नहीं कर रहा था। अब सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इसे स्वीकर करना है। यह लोकतंत्र की बड़ी जीत है।
सांसद महुआ माेइत्रा ने आरोप लगाया कि - वोट चोरी और बड़े पैमाने पर मताधिकार से वंचित करना चुनाव आयोग के लिए और भी मुश्किल हो गया है ! सत्यमेव जयते। अभी बहुत कुछ करना बाकी है। उल्लेखनीय है कि बंगाल में अगले साल विधानसभा का चुनाव है। लंबे समय से तृणमूल एसआईआर को लेकर भाजपा पर पिछले दरवाजे से वोट चाेरी का आरोप लगा रही है।