

कोलकाता : बिहार में कुत्ता का निवास प्रमाण पत्र वाला मामला गरमाता जा रहा है। सर्टिफिकेट में डॉग बाबू लिखा हुआ है। तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि बिहार में सर के नाम पर क्या चल रहा है। असल लोगों को मतदाता सूची से हटाया जा रहा है वही कुत्ता बाबू अब वोट देने के पात्र बने हैं? सोमवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि ये सर (एसआईआर) है क्या ? बिहार में लिस्ट में एक कुत्ता बाबू को लाया गया। कुत्ते का नाम 'डॉग बाबू', पिता का नाम 'कुत्ता बाबू' और माता का नाम कुटिया देवी लिखा है। ये मतदाताओं का अपमान है। बिहार में जो हुआ वह अविश्वसनीय है। एक कुत्ते ने सूची (निवास प्रमाण पत्र) में जगह बना ली है। क्या सर को पता नहीं चला कि क्या हुआ। यह भारतवर्ष के नागरिक के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वोटर कार्ड देश के नागरिक का सम्मान है यह सम्मान संविधान से मिला है लेकिन उस लिस्ट कुत्ता बाबू को कैसे जगह मिली है। हमलोग इसका विरोध करेंगे। तृणमूल नेता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव आयोग को सामने रखकर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की साजिश रच रही है। हमलोग बंगाल में ऐसा नहीं होने देंगे। बिहार में जो हुआ क्या यही वो सर है जिस पर हमें यकीन करने को कहा जा रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ़ कहा है कि आधार, वोटर आईडी और पैन कार्ड जैसे वैध पहचान पत्र मान्य हैं। फिर भी नतीजा हैरान करने वाला है। एक असली नागरिक छूट गया, जबकि एक कुत्ते का नाम सूची में शामिल हो गया! मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस तमाशे की कड़ी निंदा की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि एक भी वैध मतदाता सूची से बाहर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषियों के उत्पीड़न के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया है।