

कोलकाता : कसबा कांड को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच तृणमूल छात्र परिषद से निलंबित राजन्या हालदार के बयानों ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। एक के बाद एक कई विस्फोटक बयान राजन्या ने दिये हैं। कसबा की घटना के बाद, राजन्या हलदर ने आरोप लगाया है कि उनकी विकृत तस्वीरें तृणमूल छात्र परिषद के सदस्यों के मोबाइल फोन पर प्रसारित की गईं। हालांकि, उन्होंने अभी तक इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई है। राजन्या के बयानों के बाद तृणमूल महिला कांग्रेस की नेता प्रियदर्शनी घोष बावा और पार्षद जुई विश्वास ने अलग-अलग प्रसंग में खुलकर बातें रखीं। नाम लिये बिना राजन्या के आरोप के बाद सवाल खड़ा किया कि जब उनके साथ अन्याय हुआ था तो वह इतने दिनों तक चुप क्यों थीं?
न नेत्री होने की योग्यता है और न ही अभिनेत्री
जुई विश्वास ने कहा कि योग्यता का आकलन करने के लिए योग्यता भी आवश्यक है। कोई आते ही दो दिन में नेत्री कैसे बन गयी? जुई विश्वास ने कहा कि जिनके साथ अन्याय हुआ है वह एक दिन खुद को टीएमसीपी नेत्री कहती थी। मेरा सवाल यह है कि जो नेत्री हैं वह देश का कानून नहीं जानती है। वह इतने दिनों तक क्यों चुप थी और किसके भरोसे में थी? यह आज की तो घटना नहीं है और न ही सप्ताह या महीने भर पहले की है तो फिर इतने दिनों से वह चुप क्यों थी? यदि अन्याय हुआ है तो पर्दे के पीछे से छिपाकर क्यों बोल रही हैं, नाम और प्रमाण के साथ पुलिस को बताएं। जुई विश्वास ने यह भी सवाल उठाया कि जब वह पार्टी में थी तो क्या उस दौरान सभापति को पत्र लिखकर बतायी थी? मुझे लगता है कि यहां दाल में कुछ काला है तथा कुछ और बात हो सकती है। अगर वाकई उनके साथ अन्याय हुआ है तो पुलिस में शिकायत करें।
राजन्या हलदार ने लगाये हैं गंभीर आरोप
लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप की घटना के बाद राजन्या हलदर ने गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि छात्र इकाइयों में कई मनोजीत मिश्रा छिपे हुए हैं। राजन्या ने आरोप लगाया कि उनकी अश्लील, एआई से बनाई गई तस्वीरें आपस में साझा की गयीं। हमारे संगठन में कनिष्ठों को भी तस्वीरें दिखाई हैं। ऐसे लोग शिकारी की तरह महिलाओं को छात्र संघों में अच्छे पद दिलाने का लालच देकर ब्लैकमेल करते हैं और संगठन को बदनाम कर रहे हैं।