गौरीकुंड - केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को शुभ मुहूर्त और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस पावन अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी पत्नी गीता धामी भी मौजूद थे। कपाट खुलने के बाद सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर संपन्न कराई गई। सुबह 7 बजे से विधिपूर्वक केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए, जिससे अब आने वाले छह महीनों तक ग्रीष्मकाल में बाबा केदार की नियमित पूजा यहीं की जाएगी। इससे एक दिन पहले, गुरुवार को पंचमुखी उत्सव डोली गौरीकुंड से चलकर केदारनाथ पहुंची थी। बद्री-केदार मंदिर समिति ने कपाट खुलने से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं। इससे पहले, 28 अप्रैल को शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से बाबा केदार की चल विग्रह डोली केदारनाथ के लिए रवाना हुई थी, जो क्रमशः गुप्तकाशी, फाटा और फिर गौरीकुंड होते हुए धाम पहुंची।
पंचमुखी डोली की विशेष पूजा
गुरुवार सुबह 8 बजे के आसपास केदारनाथ के मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने बाबा केदार की पंचमुखी डोली की विशेष पूजा अर्चना कर भोग अर्पित किया। इस दौरान वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने बाबा की पंचमुखी मूर्ति के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया। पूजा के बाद डोली भक्तों के जयघोष और 6 ग्रेनेडियर आर्मी रेजीमेंट के बैंड की मधुर धुनों के साथ केदारधाम के लिए रवाना हुई। यात्रा के दौरान बाबा की डोली ने भीमबली, जंगलचट्टी और लिनचोली जैसे स्थानों से होते हुए दोपहर के बाद केदारनाथ धाम पहुंची।
वहां मंदिर समिति के कर्मचारियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य पुजारी बागेश लिंग के अलावा जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, एसपी अक्षय प्रहलाद कोंडे, बीकेटीसी के सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्पवान, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी समेत बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, वेदपाठी और श्रद्धालु मौजूद थे।