मिठाई, समोसा...बंगाल में थे, हैं और रहेंगे: टीएमसी

पार्टी ने समोसा-जलेबी परोसकर जताया विरोध
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कोलकाता: केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के लिए जारी की गई नई गाइडलाइन पर राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। तृणमूल नेताओं ने इसे सांस्कृतिक दमन का प्रयास बताया और केंद्र पर ‘खाद्य फतवा’ जारी करने का आरोप लगाया। शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष और राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने साफ कहा, देश में समोसा, फिश फ्राई और जलेबी खाने पर कोई फतवा नहीं चलेगा। तृणमूल ने इसका कड़ा विरोध किया है। प्रेस कान्फ्रेंस में तृणमूल नेताओं की मेज पर समोसा, फिश फ्राई और जलेबी की प्लेटें सजाकर उन्होंने इसका प्रतीकात्मक विरोध भी दर्ज कराया। कुणाल ने कहा, कोई यह तय नहीं कर सकता कि लोग क्या खाएंगे। अगर किसी खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता ठीक है, तो उसे खाने में क्या समस्या है? यहाँ कोई शाकाहारी है, तो कोई मांसाहारी। ये निजी पसंद का मामला है। हम इस पर किसी भी तरह का दखल स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा, मछली, मिठाई और दूसरे खाद्य - बंगाल की पहचान हैं। इसे कोई मिटा नहीं सकता। चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि यह बंगाल की संस्कृति और भोजन की विविधता पर हमला है, जिसे वे कभी स्वीकार नहीं करेंगी।

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