

कोलकाता: रवींद्रनाथ टैगोर और ‘जन गण मन’ को लेकर कर्नाटक के भाजपा सांसद विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी के विवादित बयान पर देशभर में तीखी प्रतिक्रिया शुरू हो गई है। इस टिप्पणी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को कोलकाता के जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी के सामने विरोध सभा आयोजित की।
राज्य की मंत्री शशि पांजा और जोड़ासांको केंद्र के विधायक विवेक गुप्त ने ठाकुरबाड़ी पहुंचकर रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कहा कि पूरा देश बंगाल और रवींद्रनाथ पर गर्व करता है। वह एशिया के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता थे, दो देशों के राष्ट्रगान के रचयिता जिन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद 'नाइटहुड' त्याग दिया था। हमारे लिए वह भगवान से कम नहीं हैं, लेकिन भाजपा बार-बार बंगाल का अपमान कर रही है, उसकी रीढ़ तोड़ देना चाहती है। यह विरोध उसी अपमान के खिलाफ है।
शशि पांजा ने कहा, बंगाल वास्तव में एक 'मिनी इंडिया' है। यहां सभी धर्मों, भाषाओं और जातियों के लोग एक साथ रहते हैं। यही बात भाजपा को पसंद नहीं। इसलिए वह बार-बार बंगाल को बदनाम करने की कोशिश करती है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि विद्यासागर की मूर्ति तोड़ी जाने की घटना के बाद भी भाजपा को कोई पछतावा नहीं था। अब वह रवींद्रनाथ का अपमान कर रही है। ‘जन गण मन’ और रवींद्रनाथ का अपमान करना क्या देशद्रोह नहीं है? तृणमूल का आरोप है कि भाजपा बार-बार इतिहास को तोड़-मरोड़ कर बंगाल और टैगोर का अपमान करती है जो बंगाल के लोग कभी सहन नहीं करेंगे।
सीमा की सुरक्षा केंद्र की जिम्मेदारी, बंगाल की नहीं
इस अवसर पर एसआईआर और घुसपैठ को लेकर भाजपा के आरोपों का खंडन करते हुए विधायक विवेक गुप्त ने कहा, जो लोग घुसपैठ पर इतनी बातें कर रहे हैं, उन्हें यह जानना चाहिए कि सीमा सुरक्षा की ज़िम्मेदारी बीएसएफ पर है। आज भी पश्चिम बंगाल–बांग्लादेश सीमा का एक बड़ा हिस्सा असुरक्षित है, जहां कांटेदार तार की बाड़ नहीं है। इस मुद्दे को कई बार संसद में उठाकर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अगर घुसपैठ हो भी रही है, तो उसकी ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार को ही लेनी होगी।