
कोलकाता: बंगाल से बाहर काम करने गये बांग्ला भाषी प्रवासी मजदूरों के हो रहे कथित उत्पीड़न को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला है। ‘पुशबैक’ विवाद पर टीएमसी राज्यसभा सांसद समीरुल इस्लाम ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी मजदूरों को गैरकानूनी रूप से बांग्लादेशी बताकर प्रताड़ित किया जा रहा है। अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, वैध दस्तावेज रखने के बावजूद इन मजदूरों को बिना किसी पुलिस रिकॉर्ड के हिरासत में लिया जा रहा है। राज्य सरकार से नागरिकता की पुष्टि तक नहीं की जा रही है। यह हरकत पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की किस मंशा को दर्शाती है? इस संबंध में समीरुल ने केंद्र सरकार से लगातार छह सवाल पूछे।
किन कानूनों के तहत मजदूरों को 24 घंटे से अधिक हिरासत में रखा जा रहा है?
इन सवालों में सबसे पहले उन्होंने पूछा है कि क्या बंगाल में चुनावी हार का बदला इस तरह लिया जा रहा है? दूसरा, घुसपैठ की जिम्मेदारी अगर बीएसएफ की है, तो गरीब बंगाली मजदूरों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? तीसरा सवाल कि क्या आपने कभी सुना कि बंगाल में दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूरों को इसी तरह प्रताड़ित किया गया हो? चौथा, किन कानूनों के तहत बिना कोर्ट में पेश किए इन प्रवासियों को 24 घंटे से अधिक हिरासत में रखा जा रहा है? पांचवां सवाल है कि आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड को पहचान पत्र के रूप में क्यों नहीं स्वीकारा जा रहा? और आखिरी छठा सवाल है कि क्या अब केवल बांग्ला बोलने के कारण लोगों को अपमानित किया जाएगा? क्या आप रवींद्रनाथ टैगोर, विवेकानंद, नेताजी सुभाष जैसे महापुरुषों की भाषा को अपमानित कर रहे हैं? समीरुल इस्लाम ने चेतावनी दी, अगर केंद्र सरकार सोचती है कि वह बंगाल को इस तरह कुचल सकती है, तो वह भ्रम में है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में हम आवाज उठाते रहेंगे।