परियोजना के शिलान्यास के अवसर पर  पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी
परियोजना के शिलान्यास के अवसर पर पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी

मोदी नहीं, ममता हैं चेनाब रेल पुल की असली संस्थापक

टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने सबूत के साथ किया दावा
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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को चेनाब रेल पुल का श्रेय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों को नकारते हुए कहा है कि इस पुल के संस्थापक पीएम नरेन्द्र मोदी नहीं बल्कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी हैं। बता दें कि इस पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले किया था। तृणमूल की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने एक्स हैंडल पर कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने चेनाब रेल पुल के उद्घाटन के अवसर पर झंडा लहराया, लेकिन अपने से पहले आए मेहनती लोकसेवकों - प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह और सबसे महत्वपूर्ण पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी जिन्होंने वास्तव में इस परियोजना को मंजूरी दी और इसकी नींव रखी, के लिए एक शब्द भी नहीं कहा। इस तरह का ईर्ष्यापूर्ण श्रेय लेना देश के इतिहास में दुर्लभ और दुर्भाग्यपूर्ण है। इस संबंध में घोष ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, फारूक अब्दुल्ला और वर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ ममता की एक तस्वीर भी साझा की।

वित्त मंत्रालय से 1949 करोड़ रुपये की अतिरिक्त निधि मांगी गई थी

सागरिका ने तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी के रेल बजट 2009 और 2010 के भाषणों के अंश उद्धृत किए हैं (संसद रिकॉर्ड 2009/10 के अनुसार)। इसमें उल्लेख किया है कि रेल बजट 2009 (अंतिम) के दौरान, रेल मंत्री (ममता) के रूप में उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला और अन्य राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए वित्त मंत्रालय से 1949 करोड़ रुपये की अतिरिक्त निधि मांगी गई थी। उसी बजट भाषण में घोषणा की गई थी कि काजीगुंड-अनंतनाग लाइन 09 अगस्त तक पूरी हो जाएगी और इसका उद्घाटन किया जाएगा। कटरा-काजीगुंड सेक्शन पर संरेखण के लिए, इसमें शामिल मुद्दों का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनायी गई थी। इसके अलावा, रेल मंत्री के रूप में उधमपुर-बारामूला संरेखण के काजीगुंड से अनंतनाग तक नई लाइन की घोषणा की गई थी। इसी मार्ग पर चेनाब पुल का निर्माण किया गया है, जो रियासी जिले में कौरी और बक्कल के बीच स्थित है। यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) में एक महत्वपूर्ण कड़ी है, एक रणनीतिक परियोजना जिसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क के साथ पूरी तरह से एकीकृत करना है। रेल मंत्री के रूप में सदन को सूचित किया गया कि कश्मीर घाटी में काजीगुंड-बारामूला रेल लाइन के काजीगुंड-अनंतनाग खंड के पूरा होने पर 28 अक्टूबर, 2009 से ट्रेन सेवाएं शुरू की गईं। विशेषज्ञ समिति द्वारा समीक्षा के बाद कटरा-काजीगुंड खंड पर काम फिर से शुरू हो गया है। उधमपुर से कटरा और कटरा से काजीगुंड तक लाइन के शेष हिस्से के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है।

अहंकार को दूर रखने के लिए इतिहास को सामने लाना जरूरी

टीएमसी का कहना है, चेनाब रेल पुल सरकार की निरंतरता को दर्शाता है। अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे ‘राष्ट्रीय महत्व की परियोजना’ घोषित किया था और तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इस परियोजना को मंजूरी दी थी तथा मनमोहन सिंह सरकार में रेल मंत्री के रूप में उन्होंने दो औद्योगिक परियोजनाओं - जम्मू-कश्मीर में एक रेल कारखाना, जम्मू में सुरंग और पुल इंजीनियरिंग संस्थान की स्थापना करके इस परियोजना को पटरी पर ला दिया था। तृणमूल ने कहा कि भारत की प्रगति का मार्ग 2014 (मोदी शासन) में शुरू नहीं हुआ। कुछ लोग बिना किसी आत्म-प्रचार के चुपचाप काम करते हैं, जबकि अन्य लोग फोटो खिंचवाने के लिए जल्दी करते हैं। तृणमूल के राज्यसभा नेता डेरेक ओ ब्रायन, जिन्होंने ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहते हुए यात्री सुविधा समिति की अध्यक्षता की थी, ने इस धारणा का समर्थन करते हुए कहा, किसी के अहंकार को दूर रखने के लिए इतिहास को सामने लाना जरूरी है।

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