

निधि, सन्मार्ग संवाददाता
भाटपाड़ा: उत्तर 24 परगना जिले का औद्योगिक क्षेत्र भाटपाड़ा एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मियों और भारी तनाव का केंद्र बन गया है। बुधवार को जगदल का मेघना मोड़ उस समय 'स्लोगन वॉर' (नारेबाजी की जंग) के मैदान में तब्दील हो गया, जब तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ता एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए। इस दौरान इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी भी तरह की हिंसक झड़प को रोका जा सके। हाल ही में दमदम-बैरकपुर जिला तृणमूल अध्यक्ष और राज्य के सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक के निर्देशानुसार, जगदल के विधायक सोमनाथ श्याम ने एक अनूठे अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान का उद्देश्य भाजपा नेता अर्जुन सिंह के आवास 'मजदूर भवन' के सामने जाकर 'जय बांग्ला' के नारे लगाना था। विधायक सोमनाथ श्याम का आरोप है कि अर्जुन सिंह ने सार्वजनिक रूप से धमकी दी थी कि जो कोई भी 'जय बांग्ला' का नारा लगाएगा, उसकी पिटाई की जाएगी। इसी चुनौती के जवाब में बुधवार को सोमनाथ श्याम सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ अर्जुन सिंह के घर की ओर बढ़े। हालांकि, कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने 'मजदूर भवन' से कुछ ही दूरी पर स्थित मेघना मोड़ पर बैरिकेडिंग कर तृणमूल कार्यकर्ताओं को रोक दिया। पुलिस द्वारा रोके जाने पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने वहीं सड़क पर बैठकर जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। दूसरी ओर, तृणमूल के इस अभियान के जवाब में भाजपा कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में 'मजदूर भवन' के सामने जमा हो गए। जैसे ही मेघना मोड़ से 'जय बांग्ला' के नारे सुनाई दिए, भाजपा समर्थकों ने 'जय श्रीराम' और 'भारत माता की जय' के नारों से माहौल को गरमा दिया। दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक नारेबाजी चलती रही, जिससे पूरे इलाके में उत्तेजना फैल गई।
इस घटनाक्रम पर विधायक सोमनाथ श्याम ने कहा, "अर्जुन सिंह ने बांग्ला संस्कृति और हमारे नारे का अपमान किया है। हमने शांतिपूर्ण तरीके से उन्हें यह दिखाने की कोशिश की है कि बंगाल में 'जय बांग्ला' कहने से कोई हमें रोक नहीं सकता।"
वहीं, अर्जुन सिंह, जो उस समय व्यक्तिगत कारणों से भाटपाड़ा में मौजूद नहीं थे, ने फोन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "तृणमूल कांग्रेस इस अभियान की आड़ में हिंसा भड़काने और हमारे कार्यकर्ताओं को झूठे पुलिस मामलों में फंसाने की साजिश रच रही थी। हमारे समर्थकों ने लोकतांत्रिक तरीके से उनके इरादों का करारा जवाब दिया है।"
स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट के उच्चाधिकारियों के नेतृत्व में भारी पुलिस बल, रैफ (RAF) और कॉम्बैट फोर्स को तैनात किया गया था। पुलिस की मुस्तैदी के कारण दोनों गुटों के बीच सीधा शारीरिक संघर्ष तो नहीं हुआ, लेकिन राजनीतिक माहौल पूरी तरह से गर्माया रहा। फिलहाल इलाके में पुलिस गश्त जारी है।