

कोलकाता : महानगर में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों से ठगी गयी रकम को क्रिप्टो करेंसी में निवेश करनेवाले तीन जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के नाम सुब्रत मल्लिक, पंकज मल्लिक और विष्णु अग्रवाल हैं। कोलकाता पुलिस के एंटी बैंक फ्रॉड सेक्शन ने तीनों को लेकटाउन के बांगुर इलाके से पकड़ा है। अभियुक्तों के पास से 28.43 लाख रुपये नकद, 4 मोबाइल फोन, चेकबुक सहित अन्य दस्तावेज जब्त किये गये हैं। मंगलवार को अभियुक्तों को अदालत में पेश करने पर उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार कुछ महीने पहले सर्वे पार्क थाने में डॉ. उत्पल कुमार बीट ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर अपने साथ हुई 1 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज करायी थी। आरोप है कि मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर जालसाजों ने डॉक्टर से करोड़ों की ठगी की थी। मामले की जांच करते हुए एंटी बैंक फ्रॉड सेक्शन के अधिकारियों ने सूरज कुमार सिंह, अरमान अख्तर खान और मो.जहीनुद्दीन को पकड़ा था। सूरज से पूछताछ के दौरान पता चला कि उसके बैंक अकाउंट का कंट्रोल अरमान के पास था और जहीनुद्दीन अरमान से नकद रुपये ले लेता था। उन तीनों से पूछताछ के बाद मंगलवार को पुलिस ने सुब्रत मल्लिक, पंकज मल्लिक और विष्णु अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि जालसाजों द्वारा एकत्रित ठगी की रकम को पंकज और विष्णु क्रिप्टो करेंसी में निवेश करते थे। अभियुक्तों के पास से 28.37 लाख रुपये नकद बरामद किये गये थे। पुलिस अभियुक्तों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।