हिंदी भाषा को लेकर इस नेता ने उगला जहर, नहीं चाहता हिंदी का विस्तार

तमिलनाडु में बढ़ा विवाद
हिंदी भाषा को लेकर इस नेता ने उगला जहर, नहीं चाहता हिंदी का विस्तार
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नई दिल्ली - तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री और सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन अब तक सनातन धर्म को लेकर विरोध करते थे, पर अब वह इससे एक कदम आगे निकल गए हैं। इस बार उन्होंने हिंदी भाषा के खिलाफ जहर उगला है। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि हिंदी की वजह से तमिल भाषा समाप्त हो जाएगा। 18 फरवरी मंगलवार को चेन्नई से उन्होंने कहा कि जो राज्य हिंदी को स्वीकार करते हैं वो अपनी मातृभाषा खो देते हैं। हाल के दिनों में राज्य के डीएमके और भाजपा के बीच हिंदी भाषा थोपने को लेकर बहस तेज हो गई है। 

ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी पर हो रही है बहस

पिछले हफ्ते केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि तमिलनाडु को समग्र शिक्षा मिशन के तहत लगभग 2,400 करोड़ रुपये की मदद तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक राज्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से लागू नहीं करता। आपको बता दें कि ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी को लेकर दक्षिणी राज्यों और केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से तनाव बना हुआ है।

क्या है ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी ?

नई शिक्षा नीति के तहत, हर राज्य के छात्रों को तीन भाषाएं सीखनी होंगी, जिनमें से एक हिंदी होगी। तमिलनाडु सरकार हमेशा से दो भाषाओं की नीति का समर्थन करती रही है, जहां राज्य के स्कूलों में तमिल और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है। चेन्नई में उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान ने हमें खुले तौर पर धमकी दी है कि फंड तभी मिलेगा जब हम तीन-भाषा के फॉर्मूले को स्वीकार करेंगे, लेकिन हम केंद्र सरकार से कोई भीख नहीं मांग रहे हैं।

स्टालिन ने उगला जहर

स्टालिन ने कहा, हम अपना हिस्सा मांग रहे हैं। अगर आप (भाजपा) सोचते हैं कि हमे धमका सकते हैं तो तमुलनाडु में ऐसा कभी नहीं होगा। तमिलनाडु के लोग देख रहे हैं। वे समय आने पर इसका जवाब जरूर देंगे।

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